ऑस्ट्रिया से भारतीय राजदूत को सरकार ने बुलाया वापस, फंड के दुरुपयोग का आरोप

ऑस्ट्रिया में भारतीय राजदूत रेनु पाल का मुख्यालय में वापस तबादला कर दिया गया है. उन पर सरकारी पैसे के ‘दुरुपयोग’ और ‘वित्तीय दुराचार’ का आरोप है. 1988 बैच की आईएफएस अधिकारी, पाल का वियना में अभी कार्यकाल पूरा होने को एक महीना बाकी था, लेकिन उनसे 30 दिसंबर तक लौटने के लिए कहा गया.

सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय के चीफ विजिलेंस ऑफिसर की ओर से वित्तीय अनियमितता, फंड के दुरुपयोग और आचरण नियमों के उल्लंघन पर आंतरिक जांच की गई. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद चीफ विजलेंस ऑफिसर के नेतृत्व में मंत्रालय की एक टीम ने वियना में भारतीय दूतावास का इस साल सितंबर में दौरा किया.

पाल का 9 दिसंबर 2019 को मुख्यालय में तबादला

सूत्रों ने बताया कि राजदूत पर ‘वित्तीय दुराचार’ और मंत्रालय की अनुमति के बिना फंड के दुरुपयोग के आरोप हैं. प्रारंभिक जांच के बाद पाल का तबादला 9 दिसंबर 2019 को मुख्यालय में कर दिया गया. अभी केंद्रीय सतर्कता आयोग के फैसले का इंतजार है. जिस दिन पाल के तबादले का आदेश हुआ, उसी दिन से उन पर राजदूत के नाते प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों का प्रयोग करने पर रोक लगा दी गई.

सूत्रों ने बताया कि पाल अपने खिलाफ आरोपों पर सफाई देने के लिए दिल्ली आ चुकी हैं. जांच पूरी होने के बाद उसके निष्कर्षों के आधार पर या तो पाल को ‘वित्तीय दुराचार’ का दोषी करार दिया जा सकता है या उन्हें आरोपों से मुक्त किया जा सकता है.




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