
गुरुवार को कर्नाटक और बड़ौदा के बीच रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान हिंदी को लेकर नई बहस छिड़ गई है. मैच की लाइव कमेंट्री के दौरान कमेंटेटर ने कहा कि हर भारतीय को हिंदी आनी चाहिए. यह हमारी मातृभाषा है. इससे बड़ी कोई भाषा नहीं है.
बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में खेले जा रहे मैच के दौरान जाने-माने कमेंटेटर सुशील दोशी ने कहा, ‘मुझे यह तथ्य पसंद आया कि सुनील गावस्कर हिंदी में भी कमेंट्री करते हैं और इस भाषा में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं. मुझे यह भी अच्छा लगा कि वह डॉट बॉल को ‘बिंदी’ बॉल कह रहे हैं.’
Did this lunatic commentator just say “Every Indian should know Hindi” ? What on earth do you think you’re @BCCI ? Stop imposing Hindi and disseminating wrong messages. Kindly atone. Every Indian need not know Hindi #StopHindiImposition #RanjiTrophy #KARvBRD pic.twitter.com/thS57yyWJx
— Ramachandra.M| ರಾಮಚಂದ್ರ.ಎಮ್ (@nanuramu) February 13, 2020
दरअसल, ‘कमेंट्री कर रहे राजेंद्र अमरनाथ ने कहा, ‘हिंदुस्तान में हर हिंदुस्तानी को हिंदी आनी चाहिए. यह हमारी मातृभाषा है. इससे बड़ी भाषा हमारे लिए कोई नहीं है.’
इस पर सुशील दोशी यह कहते हुए सुने गए कि, ‘वास्तव में, मैं उन लोगों को बहुत गुस्से से देखता हूं, जो कभी कहते हैं कि हम क्रिकेट खिलाड़ी हैं और फिर भी हम हिंदी में बोलते हैं. अरे भाई! भारत में रहते हैं, तो भारत की भाषा ही बोलेंगे. इसमें गर्व की क्या बात है.’
@BCCIdomestic
— Amrut Deshpande (@amrutd05) February 13, 2020
@BCCI
I hear from my friends that the commentators in the #KARvBDA match are trying to impose Hindi? Quoting " Hindustan mein sabko Hindi seekhna hai, Hindi humara maatru bhasha hai"?
If this is true then you guys need to sack them right now. This is unacceptable!
इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर विवाद पैदा हो गया है. कई ने कमेंटेटर्स की इस राय पर सवाल उठाए हैं. एक ने इसे हास्यास्पद बताया, तो कई ने कहा कि आप ऐसा नहीं थोप सकते.
बाद में अमरनाथ ने अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा, ‘मैं इस देश में बोली जाने वाली सभी भाषाओं का सम्मान करता हूं…अगर मेरी टिप्पणी से किसी को ठेस पहुंची है, तो माफी मांगता हूं. कृपया इसे अन्यथा न लें…’