गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (Pakistan Occupied Jammu & Kashmir – POJK) में मौजूद गिलगित-बाल्टिस्तान (Gilgit-Baltistan) में चीन एक बांध बनाने जा रहा है. इसके साथ ही गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्थानीय लोगों के बीच मांग उठने लगी है कि पहले उस इलाके की ऐतिहासिक धरोहरों को बचाया जाए. चीन जिस जगह पर बांध बना रहा है उससे दियामीर, हुन्जा, नगर और बाल्टिस्तान जिले के कई इलाके पानी में डूब जाएंगे.

गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

जिन चार शहरों के इलाके पानी में डूबेंगे उनमें बेहद कीमती ऐतिहासिक धरोहर हैं. इन चारों शहरों में सैकड़ों की संख्या में बौद्ध धर्म से जुड़े हुए पत्थरों पर पौराणिक कलाकृतियां हैं. अब स्थानीय लोगों ने मांग की है कि अगर डैम बनेगा तो ये सारी कलाकृतियां पानी में डूब जाएंगी. इसलिए बांध बनने से पहले इन्हें कहीं संजो कर रखा जाए. 

गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

गिलगिट-बाल्टिस्तान के स्थानीय निवासी और इतिहास प्रेमी अरैब अली बेग ने इन ऐतिहासिक रॉक आर्ट की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की हैं. उन्होंने लिखा है कि पत्थरों पर ऐसी कलाकृतियां दियामीर, हुन्जा, नगर और बाल्टिस्तान में कई स्थानों पर देखने को मिल जाएंगी.

ऐसा माना जाता है कि ये कलाकृतियां 269 से 232 ईसा पूर्व में सम्राट अशोक के समय बनाई गई थीं. ये कलाकृतियां पुराने सिंधु मार्ग की निशानियां हैं. जो पुराने स्तूपों और बौद्ध मठों से संबंधित थीं. फिर 14वीं और 15वीं सदी में जब मुस्लिम इस इलाके में आए तो उन्होंने इसे बर्बाद करने की कोशिश की. लेकिन अब भी इनमें से कई पत्थरों पर कलाकृतियां सुरक्षित हैं.

गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

पाकिस्तान की सरकार ने 13 मई को चीन की एक कंपनी को बांध बनाने के लिए 20,797 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट दिया है. ये बांध दियामीर शहर में बन रहा है. इससे चार शहरों के करीब 50 गांव पानी में डूब जाएंगे. साथ ही डूब जाएंगे ये ऐतिहासिक धरोहर भी.

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इन ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर गिलगित-बाल्टिस्तान के कई मुस्लिम विद्वानों ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है. सब कह रहे हैं कि इन धरोहरों को बचाने की जरूरत है.

एक शख्स ने लिखा है कि ये धरोहर बौद्ध धर्म के हैं, लेकिन इनसे इस इलाके में पर्यटन की संभावनाएं बढ़ सकती हैं. इसलिए पाकिस्तान और चीन दोनों को चाहिए कि पहले इस कलाकृतियों को सुरक्षित करें. उसके बाद डैम बनाएं. 

गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

द स्टेट्समैन डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के अनुसार इस इलाके के पुरात्तवविद डॉ. अहमद हसन दानी ने कहा कि ये पत्थर चार श्रेणियों में बांटे गए हैं. सबसे पुरानी श्रेणी के पत्थर दूसरी सदी के हो सकते हैं. या फिर ईसा पूर्व 5वीं या छठीं सदी के.

गिलगिट-बाल्टिस्तान में चीन बना रहा बांध, डूबेगी भारत से जुड़ी ये धरोहर

हाल ही में लेह के दौरे पर गए बौद्ध धर्म गुरू दलाई लामा ने भी गिलगिट-बाल्टिस्तान में मौजूद इन ऐतिहासिक कलाकृतियों को बचाने की अपील की थी. उन्होंने कहा कि पूरी सिंधु नदी के किनारे ऐसे पत्थर मिल जाएंगे. यहां तक की लद्दाख यूनियन टेरीटरी में भी.

इन पत्थरों पर मंदिर, बौद्ध भिक्षु, बौद्ध धर्म गुरुओं की आकृति, जीव-जंतुओं की आकृतियां बनी हुई हैं. सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि अभी तक इन कलाकृतियों की तरफ पाकिस्तान सरकार ध्यान नहीं दे रही है. चीन के साथ मिलकर इन्हें खत्म करने की कोशिश में लगी है.

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