Ganpati-visarjan-2018 जानिये कि गणपति विसर्जन कैसे किया जाता है और उसकी क्या पूजन विधि है.

 गणेश चतुर्थी को गणपति भगवान के भक्त अपने घर धूमधाम से गणेश जी को घर लेकर आते हैं और 10 दिन अपने साथ रखकर उतनी ही धूमधाम से उनकी विदाई करते हैं. मान्यता के अनुसार किसी भी हाल में अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणपति की विदाई हो ही जानी चाहिए.

भगवान गणपति के कुछ भक्त गणेश जी को अपने साथि एक दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन और 10 दिन रखते हैं. इस दौरान उनके भक्त गणेश जी को खुश करने की हर संभव कोशिश करते हैं. इन 10 दिनों के दौरान गणपति घर के एक सदस्य की तरह हो जाते हैं और जब उनकी विदाई होती है तो उनके भक्तों की आंखों में आंसू आ जाते हैं.

अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन होता है. लेकिन उससे पहले उनकी विधिवत पूजा होती है. आप भी जानिये कि गणपति विसर्जन कैसे किया जाता है और उसकी क्या पूजन विधि है.

गणेश प्रतिमा की बिदाई: ऐसे करें

1. गणेश जी को जिस दिन विदा करना है, उस दिन उनकी अच्छी तरह पूजन और आरती करें. खास प्रसाद बनाएं, जैसे कि मोदक और लड्डू आदि बांटें.

2. गणेश जी का स्वस्तिवाचन करें.

3. एक साफ सुथरा पाटा लें. ध्यान रखें वह जूठा नहीं होना चाहिए. उस पाटा को गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करें.

4. उस पाटा का शुद्धिकरण करने के बाद उस पर स्वास्तिक बनाएं. ध्यान रहे कि यह स्वास्तिक घर की महिला ही बनाए.

5. अब उस पर अक्षत रखें. एक पीला, गुलाबी या लाल कपड़ा पिछाएं.

6. कपड़े पर गुलाब और अन्य फूल बिछाएं. पाटे के चारों कोनों पर चार सुपारी रखें.

7. अब भगवान गणपति को इस पाटे पर स्थापित करें. इसके बाद फल, फूल, वस्त्र, दक्षिणा, 5 मोदक आदि रखें और गणपति का जयकारा लगाएं.

8. गणेश जी की विदाई करते हुए वह सारे सामान रखें जाते हैं, जिसकी जरूरत यात्रा के दौरान हो सकती है.

9. एक छोटी लकड़ी पर चावल, गेहूं, दक्षिणा और पंच मेवा की पोटली बनाकर रख लें.

10. भगवान गणपति को विसर्जित करने से पहले एक बार फिर आरती करें. उनसे अपनी मन्नत मांगे और अपनी गलतियों की माफी मांगे.

11. ध्यान रहे कि गणेश जी को प्रतिमा को पानी में फेंका नहीं जाता, उन्हें आदर के साथ समस्त सामग्री के साथ धीरे-धीरे बहाया जाता है.

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