26 जनवरी : कैसी थी देश की पहली परेड, किन हथियारों का हुआ था प्रदर्शन

गणतंत्र दिवस पर होने वाली परेड ही है जो सबसे ज्यादा ध्यान आर्कषित करती है. आज देश 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. ऐसे में देश की ये 65वीं परेड है जो राजपथ पर आयोजित की गई. जी हां ये कम ही लोग जानते हैं राजपथ पर होने वाली पर परेड 4 साल तक कहीं और आयोजित की जाती थी. आइए जानते हैं पहली परेड के बारे में…

1950 से लेकर 1954 तक गणतंत्र दिवस की पर अलग अलग जगह पर आयोजित की जाती थी.  बता दें, 26 जनवरी को होने वाली  परेड का समय 90 मिनट होता है, लेकिन पहले ये समय 90 मिनट से ज्यादा था. जिसे बाद में बदल दिया गया.

4 साल तक  परेड कभी इर्विन स्टेडियम (नेशनल स्टेडियम), किंग्स वे (मौजूदा राजपथ), कभी लाल किला या कभी रामलीला मैदान में होती थी.

कैसी थी देश की पहली परेड, किन हथियारों का हुआ था प्रदर्शन- Photos

बता दें, पहले गणतंत्र दिवस पर 31 तोपों की सलामी दी गई थी, जिसके बाद निर्णय लिया गया. (आजादी के बाद परेड में हिस्सा लेते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं की तस्वीर

राजपथ पर साल 1955 में पहली बार गणतंत्र दिवस परेड शुरू हुई और उसके बाद से हर साल राजपथ पर परेड हो रही है.(इस तस्वीर में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू हैं और विदेशी मेहमान इंडोनेशिया के राष्ट्र प्रमुख नजर आ रहे हैं.)

कैसी थी देश की पहली परेड, किन हथियारों का हुआ था प्रदर्शन- Photos

यह तस्वीर साल 1952 की है, जिसमें मशीन का चिन्ह भी शामिल किया गया था.

 

कैसी थी देश की पहली परेड, किन हथियारों का हुआ था प्रदर्शन- Photos

1955 के बाद से अब तक 8 किलोमीटर की दूरी तय करने वाली यह परेड रायसीना हिल से शुरू होकर राजपथ, इंडिया गेट तक जाती है. (फोटो 1952 की परेड की है)

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परेड प्रारंभ करते हुए प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति (सैनिकों के लिए एक स्मारक) जो राजपथ के एक छोर पर इंडिया गेट पर स्थित है पर पुष्प माला डालते हैं. इसके बाद शहीद सैनिकों की स्मृति में दो मिनट मौन रखा जाता है. (फोटो 1952 की परेड की है)

 

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