यूपी में 17 OBC जातियों को SC में शामिल करने पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किए जाने के फैसले पर शुक्रवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. इस मामले की सुनवाई जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस पंकज भाटिया की बेंच करेगी.

बता दें कि योगी सरकार के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए अधिवक्ता राकेश गुप्ता ने हाई कोर्ट में सुनवाई की मांग की है. अधिवक्ता ने मांग की थी कि इस मामले में याचिका लंबित है, इसीलिए इस पर सुनवाई की जानी चाहिए.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का आदेश जारी किया था. इनमें 17 जातियों में कहार, कश्यप, केवट, मल्लाह, निषाद, कुम्हार, प्रजापति, धीवर, बिन्द, भर, राजभर, धीमर, वाथम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मछुआरा शामिल हैं.

योगी सरकार से पहले अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने भी इन 17 ओबीसी जातियों को एससी में शामिल करने का आदेश जारी किया था. मुलायम सिंह ने 2005 में इन 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए एक आदेश जारी किया था. मुलायम के इस फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी.

इसके बाद उत्तर प्रदेश में सरकार बदल गई और मायावती 2007 में मुख्यमंत्री बनीं तो इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. इसके बाद इन जातियों के अनुसूचित जाति के शामिल होने के मंसूबे पर पानी फिर गया. हालांकि बाद में मायावती इन जातियों को साधने के लिए अनुसूचित जाति में शामिल करने की उनकी मांग को लेकर तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था, लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर कोई तवज्जो नहीं दी.

अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले ठीक पहले ऐसी ही कोशिश की थी. दिसंबर 2016 को अखिलेश ने 17 अति पिछड़ी जातियों को एससी में शामिल करने के प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी दी थी. केंद्र को नोटिफिकेशन भेजकर अधिसूचना जारी की गयी, लेकिन इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिसके बाद मामला केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में जाकर अटक गया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *