मेनका गांधी ने वरुण, राहुल और प्रियंका के बारे में क्या-क्या कहा

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से सांसद बनी थीं. भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर उन्हें इस सीट पर अपना उम्मीदवार बनाया है.

हालांकि पार्टी ने इस बार मेनका गांधी के बेटे और पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. उनकी जगह पार्टी ने कांग्रेस से बीजेपी में आए और योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को यहां से उतारा है.

बीबीसी से खास बातचीत में मेनका गांधी ने अपनी राजनीतिक यात्रा, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से लेकर वरुण गांधी के टिकट कटने पर बात की.

मेनका गांधी ने कहा कि वरुण गांधी काबिल इंसान हैं और अगर उनमें दम होगा तो वे बहुत आगे जाएंगे.

उन्होंने कहा कि वरुण गांधी को टिकट न मिलने पर वे खुश नहीं थीं लेकिन यह एक चुनाव ही है. वह 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने थे और तब से लाखों लोगों का दिल जीतते हुए आ रहे हैं.

मेनका ने कहा, “उनकी काबिलियत लिखने, प्रचार करने के अलावा कई चीज़ों में है. उन्होंने अर्थव्यवस्था पर दो बेस्ट सेलर किताबें लिखी हैं. वह कविता भी लिखते हैं. वह बहुत आगे जाएंगे.”

वरुण गांधी अक्सर कई मुद्दों को लेकर सोशल मीडिया पर अपने विचार खुलकर रखते हैं. कई बार वे अपनी ही पार्टी और बिना नाम लिए पीएम नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को घेर चुके हैं.

प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर जब मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते मरने लगे तो वरुण गांधी ने कहा था, “विदेशी जानवरों की यह लापरवाह खोज तुरंत समाप्त होनी चाहिए.”

जब मेनका गांधी से वरुण गांधी और बीजेपी के बीच जारी रस्साकशी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “उसने (वरुण) ने जो कुछ भी लिखा, जो भी पढ़ा, वह मुद्दो पर था.”

मेनका गांधी ने कहा कि जब वह वरुण गांधी से मिलती हैं, तो राजनीति की जगह परिवार और अपनी पोती के बारे में बात करती हैं, क्योंकि राजनीति के अलावा एक बहुत बड़ी जिंदगी हैं.

फिलहाल मेनका गांधी अकेले सुल्तानपुर में प्रचार करते हुए दिखाई दे रही हैं.

वरुण गांधी की चुनाव प्रचार में गैर मौजदूगी से जुड़ा सवाल जब मेनका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “वरुण आना चाहता है, लेकिन इस वक्त ज़रूरत नहीं है, हालांकि मैं चाहती हूं कि यहां पूरा परिवार रहे. हम लोग काफी व्यस्त हैं. इस वक्त चुनाव प्रचार अच्छा चल रहा है. फिलहाल सोने पर सुहागे की ज़रूरत नहीं है. मुझे लगा तो मैं जरूर वरुण को बुलाऊंगी.”

मेनका गांधी ने कहा कि भले वरुण गांधी का टिकट कट गया हो लेकिन अगर वह मेरा चुनाव प्रचार करने के लिए सुल्तानपुर आते हैं तो इससे कोई विरोधाभास पैदा नहीं होगा बल्कि इससे उन्हें लाभ मिलेगा.

टिकट कटने के बाद ये कयास लगाए गए कि वरुण गांधी निर्दलीय या फिर वे कांग्रेस का हाथ पकड़ सकते हैं.

इसपर मेनका गांधी ने कहा, “ये सारे कयास मीडिया लगाती है. सुल्तानपुर में चाय की दुकान पर बैठकर हर घंटे लोग सरकारें गिराते और बनाते हैं, यही हाल अखबारों का है, लेकिन बदलाव तो कुछ नहीं हुआ. वरुण अभी भी वहीं हैं, जहां वह पहले थे.”

राहुल गांधी, प्रियंका पर क्या कहा?

उत्तर प्रदेश में गांधी परिवार से जुड़ी तीन सीटें हमेशा से सुर्खियों में रही हैं. इसमें रायबरेली, अमेठी और पीलीभीत शामिल है.

इस बार कांग्रेस ने रायबरेली से राहुल गांधी को उम्मीदवार बनाया है. साल 2019 में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता स्मृति इरानी ने उन्हें अमेठी सीट पर हरा दिया था.

राहुल गांधी के अमेठी की जगह रायबरेली जाने पर मेनका गांधी ने कोई टिप्पणी नहीं की.

जब मेनका गांधी से पूछा गया कि वह राहुल गांधी की यात्रा को कैसे देखती हैं? तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं लगता कि वो इवॉल्व हुए हैं. सिर्फ पदयात्रा करने से कोई इवॉल्व नहीं होता. मुद्दे उठाना, गहराई से स्टडी करना, नेतृत्व देना और बहादुरी दिखाना ये चाहिए होता है.”

जब यही सवाल प्रियंका गांधी को लेकर किया तो उन्होंने कहा कि राहुल को लेकर कही गई मेरी सभी बातें प्रियंका गांधी पर भी लागू होती हैं. यानी राहुल की तरह प्रियंका गांधी भी खुद को इवॉल्व नहीं कर पाई हैं.

इस लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी ने 400 पार का नारा दिया है. क्या वाकई बीजेपी इस आंकड़े को पार कर लेगी?

इस सवाल के जवाब में मेनका गांधी ने कहा, “चुनाव के समय मुझे सिर्फ सुल्तानपुर दिखाई देता है. अगल-बगल और यहां तक की देश भी बाद में दिखाई देता है. पहले सुल्तानपुर की मुसीबतें और लोगों की ख्वाहिशें दिखती हैं. अगर उन्होंने (पीएम मोदी) 400 का नारा दिया है तो हो ही जाएगा या उसके नज़दीक रहेगा.”

सैम पित्रोदा पर क्या कहा?

हाल ही में कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका के इनहेरिटेंस (विरासत) टैक्स की वकालत की थी.

उन्होंने कहा था, “अमेरिका में इनहेरिटेंस टैक्स की व्यवस्था है. इसका मतलब है कि अगर किसी के पास 10 करोड़ डॉलर की संपत्ति है तो उसके मरने के बाद बच्चों को केवल 45 फ़ीसदी संपत्ति ही मिलेगी और बाकी 55 फ़ीसदी सरकार ले लेगी.”

“ये काफ़ी दिलचस्प क़ानून है. ये कहता है कि आप अपने दौर में संपत्ति जुटाओ और अब जब आप जा रहे हैं, तो आपको अपनी धन-संपत्ति जनता के लिए छोड़नी होगी, सारी नहीं लेकिन उसकी आधी, जो मेरी नज़र में अच्छा है.”

पित्रोदा के बयान को पीएम मोदी ने चुनावी मुद्दा बना दिया. एक चुनावी सभा में उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते कहा, “जब तक आप जीवित रहेंगे, तब तक कांग्रेस आपको ज्यादा टैक्स से मारेगी और जब जीवित नहीं रहेंगे, तब आप पर इनहेरिटेंस टैक्स का बोझ लाद देगी.”

पीएम मोदी ने कहा, “अब कांग्रेस का कहना है कि वो इनहेरिटेंस टैक्स लगाएगी, माता-पिता से मिलने वाली विरासत पर भी टैक्स लगाएगी. आप जो अपनी मेहनत से संपत्ति जुटाते हैं, वो आपके बच्चों को नहीं मिलेगी. कांग्रेस का पंजा वो भी आपसे लूट लेगा. कांग्रेस का मंत्र है- कांग्रेस की लूट… जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी.”

बीजेपी के हाई पिच कैंपेन और पीएम मोदी के बयानों में मुसलमान, घुसपैठिए और मंगलसूत्र जैसे शब्दों के ज़िक्र को लेकर जब मेनका गांधी से सवाल किया गया तो वे इससे बचती हुई दिखाई दी और उन्होंने कहा कि सैम पित्रोदा को यह बयान नहीं देना चाहिए था.

मेनका गांधी ने कहा, “मुझे लगता है कि पित्रोदा को इस वक्त ये नहीं बोलना चाहिए. व्यक्तिगत तौर पर मुझे राजनीतिक चीज़ से मतलब नहीं है. किसने क्या बोला, किसने क्या जवाब दिया. इनहेरिटेंस टैक्स हिंदुस्तान के लिए नहीं चलेगा. मैं निजी तौर पर उसके ख़िलाफ़ हूं. हमारे यहां ज्वॉइंट फैमिली है या परिवारों के बीच रिश्ते इतने मज़बूत हैं, जो जिंदगी भर पैसा कमाता है वो बच्चों के लिए करता है, फिर उसको आधा सरकार को देना पड़े, तो फिर उसने क्यों कमाया.”

उन्होंने कहा, “लोग विदेश में बैठे हैं, वे कुछ भी, कभी भी बोले, अपनी अक्ल छांटे लेकिन इसका गलत असर पार्टी पर पड़ता है. मुझे लगता है कि पित्रोदा को बोलना ही नहीं चाहिए था.”

ध्रुवीकरण के आरोप

लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी से लेकर कई बीजेपी के वरिष्ठ नेता कांग्रेस पर तुष्टीकरण का आरोप लगा रहे हैं.

एक चुनावी सभा में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के एक बयान का हवाला देते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस पार्टी दलितों और पिछड़ों का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देना चाहती है.

चुनाव में बीजेपी के ध्रुवीकरण को बढ़ाने के आरोप पर मेनका गांधी ने कहा, “आप मेरे बारे में बता कर लें. हम लोग यहां (सुल्तानपुर) नहीं करते हैं. आप गांव में जाइये, कोई भी कौम हो. आपको ये आरोप सुनाई नहीं देगा.”

अपने एक पुराने बयान पर भी उन्होंने सफाई दी, जो उन्होंने साल 2019 में दिया था. तब उनके बयान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिसमें मेनका अपनी ने अपनी जीत का दावा करते हुए कहा था कि जीत के बाद अगर मुसलमान उनके पास काम करवाने आता है तो उन्हें इस बारे में सोचना होगा.

इस पर सफ़ाई देते हुए कहा कि वे बिना जात या धर्म देखे बिना लोगों के काम करती हैं, लेकिन अगर चुनाव में व्यक्ति को याद आए कि वह कौन है, तो बुरा लगता है. ऐसे में मैं सोचती हूं कि मैं काम क्यों करती हूं.

उन्होंने कहा, “पांच साल में हर जाति, कौम का व्यक्ति आया. हजारों लोगों की मदद हुई. हम फिर कोशिश कर रहे हैं कि मुद्दे जाति-धर्म के ना हों, ये मुद्दे तरक्की के हों, अभी भी मैं वही कह रही हूं कि खुशी से आइये, मेरा घर, मेरा दिल खुला है सबके लिए. यही मेरा मतलब तब था, यही अब भी है.”

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