भविष्य की पांच नौकरियां और उनके लिए ज़रूरी हुनर

जिस तरह से नौकरियों और काम-काज का स्वरूप बदल रहा है उस हिसाब से कई ऐसी नौकरियां जो आज के समय में हैं वो आने वाले समय में शायद न रहें.

इसके लिए विश्व आर्थिक मंच के हाल के एक अध्ययन ने मुख्य रूप से दो बातों को ज़िम्मेदार बताया है.

अध्ययन के मुताबिक़, रोज़ नई नई टेक्नोलॉजी का आना और इसके कारण ऑटोमेशन के बढ़ते प्रभाव के साथ साथ ग्रीन ईकोनॉमी के तहत सतत विकास के लिए उठाए जा रहे क़दमों के कारणों को ही इस स्थिति के लिए ज़िम्मेदार ठहराया गया है.

बिग डेटा, क्लाउड कंप्यूटिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण आई नई टेक्नोलॉजी के कारण श्रम क्षेत्र में बड़े बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है.

राहत की बात यह है कि इन नई तकनीकों से अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा.

हालाँकि इसके कारण कुछ नौकरियों पर ख़तरा मंडराएगा तो कई नई नौकरियाँ भी पैदा होंगी. क्योंकि जब किसी इंडस्ट्री का विकास संसाधनों के अभाव में होता है तो उसका विस्तार भी स्वाभाविक रूप से होता है.

विश्व आर्थिक मंच के अध्ययनकर्ताओं के अनुसार, अगले पांच वर्षों में 25% मौजूदा व्यापार के स्वरूप बदल जाएंगे. इसलिए तेज़ी से प्रतिस्पर्धी श्रम बाज़ार में सफल होने के लिए हर किसी को नए कौशल हासिल करने की ज़रूरत है.

1. महत्वपूर्ण कौशल

बदलाव के साथ आई नई कार्य संस्कृति में ख़ुद को बनाए रखने के लिए बेहद अहम होगा आपके पास तकनीकी ज्ञान का होना.

अब इसका यह मतलब नहीं लगाना चाहिए कि हर किसी को प्रोग्रामिंग की भाषा या फिर मशीन लर्निंग के बारे में सब कुछ जानने की ज़रूरत है.

लेकिन एक बात जो तय है कि भविष्य में (एसटीईएम) से जुड़ी नौकरियों की मांग बहुत ज़्यादा होगी.

यहाँ एसटीईएम शब्द का प्रयोग साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ के लिए सामूहिक रूप से किया गया है.

इसके मद्देनज़र बच्चों को स्कूल में इन विषयों पर ध्यान केंद्रित करने के लिया कहा जा सकता है.

किसी भी चीज़ या घटना के विश्लेषण के लिए विश्लेषणात्मक क्षमता का होना बहुत ज़रूरी है. इसे एक कौशल माना गया है जो आने वाले समय के हिसाब से बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

इसके लिए व्यक्ति को अपने मस्तिष्क को इस तरह से ट्रेंड करना होगा ताकि विभिन्न पैटर्न को देखने की क्षमता, सभी तत्वों को एक साथ विश्लेषण करते हुए बिना किसी भावनात्मक और व्यक्तिगत पूर्वाग्रह के निष्कर्ष निकालना महत्वपूर्ण कौशल होने जा रहा है.

चूंकि गैजेट, सोशल मीडिया, ऑनलाइन गेम और विज्ञापनों का लक्ष्य लगातार हमारा ध्यान खींचते हैं इसलिए फ़ियर ऑफ़ मिसिंग आउट (FOMO या फ़ोमो) का जोखिम दूर करने के लिए बेहद ज़रूरी होगा एकाग्रता के अभ्यास को अपनी ज़िंदगी में उतारना. जैसे किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित करना.

पर्यावरण के बारे में जिज्ञासा, स्वयं सीखना, निरंतर विकास, सीखने की क्षमता और अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना भी विश्लेषणात्मक कौशल के अंतर्गत ही आता है.

माना तो यह भी जा रहा है कि उच्च गुणवत्ता वाली अंग्रेज़ी सीखना भी आने वाले समय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण कौशल सिद्ध होने वाली है.

इसके साथ ही विज्ञान, इंजीनियरिंग, डिज़ाइन या कला के क्षेत्र में रचनात्मकता को विकसित करना होगा.

इस लिहाज़ से जो व्यक्ति तकनीकी साक्षरता और रचनात्मकता दोनों को अपनाएगा उसके पास भविष्य में सुनहरे अवसर को हासिल करने की संभावना भी ज़्यादा होगी.

आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के इस युग में संचार क्षमता और सह-संज्ञान आने वाले समय में बहुत महत्वपूर्ण कौशल होंगे.

चाहे मशीनें कितनी भी तेज़ क्यों न हो जाएं, लोगों की ज़रूरत हमेशा रहेगी ही. इसलिए किसी भी व्यक्ति में टीम वर्क, सुनने की क्षमता, कहानी सुनाने की क्षमता, समर्थन, सहानुभूति जैसे गुणों का महत्व और अधिक बढ़ जाएगा.

सोशल मीडिया साइट लिंक्डइन पर 2020 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आज के जॉब मार्केट में संचार कौशल यानी कम्युनिकेशन स्किल बहुत ज़रूरी हैं.

कार्यस्थल पर टैलेंट और इंगेजमेंट मामलों के एक्सपर्ट डैन निग्रोनी कहते हैं, “कार्यस्थल में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स का उपयोग बहुत बढ़ गया है. आज टेक्नोलॉजी की मदद से अधिक लोग घर से काम करते हैं. टेक्नोलॉजी के कारण ही हम दुनिया भर के लोगों से जुड़ पा रहे हैं. दरअसल सब कुछ बदल रहा है. हम कैसे बोलते हैं, सुनते हैं और जुड़ते हैं अन्य लोगों के साथ यह बहुत महत्वपूर्ण होते जा रहा है.”

2. नई तकनीक

आने वाले समय में सूचना प्रौद्योगिकी और नई प्रौद्योगिकियाँ निस्संदेह बेहद महत्वपूर्ण क्षेत्र हो जाएंगे. और ऐसे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के कारण कई नए अवसर भी खुलेंगे.

इस क्षेत्र में प्रॉम्प्ट इंजीनियर सबसे महत्वपूर्ण अवसर साबित होने वाला है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में संचार विशेषज्ञ के रूप में जाने जाने वाले व्यक्ति को प्रॉम्प्ट इंजीनियर कहा जाता है.

एक प्रॉम्प्ट इंजीनियर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मनुष्यों के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करता है और कार्य क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली किसी भी स्थिति का प्रबंधन भी ठीक से करता है.

इसी क्षेत्र में एक काम और जो महत्वपूर्ण होने वाला है वो है एथिसिस्ट का. नीति शास्त्र के विशेषज्ञ को एथिसिस्ट कहा जाता है.

इसके साथ सिक्योरिटी इंजीनियर, मशीन और आदमी के बीच उचित संपर्क के लिए यूज़र फ्रेंडली इंटरफेस का डेवलपर होना भी इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण अवसर पैदा करेगा.

आमतौर से लोगों को आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस को एक प्रतिस्पर्धी के बजाय एक भागीदार के रूप में देखना चाहिए और इस बात को समझने पर ज़ोर देना चाहिए कि इसके साथ सहयोग कैसे करना है.

बिग डेटा विश्लेषण के क्षेत्र में भी कई अवसर आने वाले हैं. कंट्रोल सिस्टम, हार्डन कोलाइडर या नेटफ्लिक्स जैसी वेबसाइटों के माध्यम से भी जानकारी इकट्ठा करने के अवसर आने वाले हैं.

आने वाले सालों में अत्यधिक संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान हर जगह होते रहने के कारण साइबर सुरक्षा तकनीशियनों की नौकरी की भी कोई कमी नहीं रहेगी.

आने वाले सालों में वित्तीय क्षेत्र में टेक्नोलॉजी, व्यापार विश्लेषकों और ब्लॉकचेन सिस्टम डेवलपर्स की भी आवश्यकता बड़े पैमाने पर होगी.

3. ग्रीन जॉब्स

इस तरह की नौकरियाँ सीधे तौर पर व्यवसाय, विज्ञान, राजनीति और पर्यावरण से जुड़ी होती हैं.

गैर-पारंपरिक ऊर्जा का विकास, ऊर्जा के नए स्रोत, बैटरी, साथ ही लुप्तप्राय प्रजातियों का संरक्षण, व्यवसाय परामर्श, या क़ानूनी सलाह और पर्यावरण संरक्षण क़ानून क्षेत्र में उभर सकते हैं.

इसके साथ ही आने वाले समय में शहरी योजनाकारों, वास्तुकारों, डिज़ाइनरों और स्मार्ट घरों के डेवलपर्स की भी आवश्यकता ख़ूब बढ़ेगी.

4. हेल्थ प्रोफे़शनल्स

वैश्विक जनसंख्या के बढ़ने के साथ जीवन प्रत्याशा भी बढ़ती जा रही है. इसलिए उन्हें देखभाल और इलाज की भी ज़रूरत हमेशा रहेगी.

इसलिए भविष्य में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों की भी काफी मांग बनी रहेगी. आने वाले समय में ऐसे स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मांग बढ़ेगी जो न केवल दवा बल्कि मॉरल सपोर्ट भी देने का काम करेंगे.

इसलिए इस क्षेत्र में भी डॉक्टरों और स्वास्थ्य पेशेवरों को निदान और उपचार के विभिन्न तरीके खोजने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल कर सकेंगे.

फिजियोथेरेपिस्ट, व्यक्तित्व विकास परामर्शदाता के साथ साथ आध्यात्मिक प्रशिक्षकों की भी मांग बढ़ेगी.

5. श्रम की भी मांग

ऊपर बताए गए क्षेत्रों में विकास के कारण आने वाले समय में मैकेनिक, मरम्मत करने वाले, इलेक्ट्रीशियन, बिल्डरों की भी आवश्यकता होगी.

जहाँ छोटे और कौशलपूर्ण कार्य अलग-अलग परिस्थितियों में करने होते हैं, वहाँ मनुष्य के पास कोई विकल्प नहीं होता.

लेकिन इन लोगों को भी मांग को पूरा करने के लिए अपने ज्ञान को लगातार अपडेट करने की ज़रूरत रहेगी और इसके साथ ही नई चीज़ें भी सीखनी होंगी.

कृषि क्षेत्र में भी नये व्यवसायों की मांग भी बढ़ेगी. जिस तरह से पूरी दुनिया में जनसंख्या बढ़ रही है उस हिसाब से खाने की भी ज़रूरत हमेशा ही रहेगी.

इसके मद्देनज़र किसानों की तुलना में कुशल इंजीनियरों की मांग अधिक ही होगी.

कहानी

जानकारों का कहना है कि एक और पेशा जो भविष्य में बहुत महत्वपूर्ण होगा वह है कहानीकारों का.

अपना अनुभव दूसरे को बताना और उसके बारे में कुछ रचनात्मक करना हज़ारों साल पहले बहुत महत्वपूर्ण था. यह अब फिर से उतना ही महत्वपूर्ण हो जाएगा.

अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आ भी गया तो लेखकों, कवियों, निर्देशकों, अभिनेताओं, हास्य कलाकारों, कलाकारों, संगीतज्ञों की ज़रूरत बड़े पैमाने पर महसूस की जाएगी.

हो सकता है इस सेक्टर में नौकरियाँ न हों क्योंकि…

अब बात उन नौकरियों की जिनके अब अस्तित्व में रहने की संभावना कम है. इन नौकरियों के ऑटोमेशन बहुत आसान होने के कारण ये नौकरियां बाज़ार से धीरे धीरे बाहर हो जाएंगी.

ये कुछ उन नौकरियों की सूची है जिन्हें बाज़ार से बाहर कर दिया जाएगा

  • ग्राहक सेवा (कैशियर, सेल्सपर्सन, सलाहकार आदि)
  • कार्यालय प्रबंधन (दूरस्थ कामकाज के बढ़ने के कारण)
  • डेटा प्रविष्टि (अर्थ, सांख्यिकी, टाइपिस्ट, तकनीकी अनुवादक)
  • हिसाब किताब
  • कारखाने के कर्मचारी जो एक ही काम को बार-बार करते हैं

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