उत्तराखंड में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है वहीं कांग्रेस के खेमे में चुनाव को देखते हुए वो तेजी नजर नहीं आ रही है. प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं वहीं, कांग्रेस कहीं आस-पास भी दिखाई नहीं पड़ रही है. प्रदेश बीजेपी पहले से ही बड़े और कद्दावर नेताओं से भरी पड़ी है वहीं कांग्रेस के पास लोकप्रिय चेहरों की भारी कमी है. जो भी चेहरे प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज माने जाते हैं, वो पहले से ही अंतर्विरोध की लड़ाई लड़ रहे हैं. आगामी चुनाव के मद्देनजर, बीजेपी के बड़े राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की चहल-पहल और उनकी संभावित रणनीति स्पष्ट दिखाई देने लगी है. वहीं कांग्रेस पार्टी के अंदर ही अनुशासन ठीक नहीं कर पा रही है.
प्रत्याशियों के चयन को लेकर, बीजेपी ने अपने बूथ लेवल कार्यकर्ताओं से संपर्क करने और जमीनी हकीकत जानने के लिए अलग-अलग लोकसभाओं के लिए त्रिशक्ति सम्मेलनों का आयोजन किया है. इसके अलावा बीजेपी की तरफ से कार्यकर्ताओं को सीधा केंद्र में बड़े नेताओं से जोड़ने की रणनीति पर काम किया जा रहा है. हाल में हुए टिहरी और हरिद्वार जिले के त्रिशक्ति सम्मेलन में अमित शाह की उपस्थिति और कार्यकर्ताओं से उनका सीधा संपर्क बताता है कि पार्टी चुनाव की तैयारियों के लिए कितनी गंभीर है. ‘कौन प्रत्याशी होगा’ के सवाल पर बीजेपी के नेता मौन साध लेते हैं क्योंकि केंद्र ही इस मामले में फैसले लेगा. 2014 के चुनावों की तरह, इस बार भी बीजेपी बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं और ‘पन्ना प्रमुख’ के फॉर्मूले पर काम करेगी.
चुनाव में आम आदमी तक पहुंचाने की भी योजना है
पन्ना प्रमुख वह फॉर्मूला है जिसमें जमीनी कार्यकर्ता से सीधे जुड़ने का प्रयास किया जाता है. हर बूथ पर, बीजेपी के तीन समर्पित कार्यकर्ता वोटर्स का रिकॉर्ड रखते हैं. इस मॉडल में पार्टी एक प्रभारी नियुक्त करती है जिसे पन्ना प्रमुख कहते हैं और उसे हर बूथ के 8 से 10 परिवारों के वोट की जिम्मेदारी दी जाती है. 2014 के चुनाव में, इस मॉडल पर काम करते हुए पार्टी अपने मैसेज को वोटर्स तक पहुंचाने में सफल रही थी. केंद्र और राज्य की योजनाओं से लाभांवित हुए लोगों की लिस्ट बनाकर चुनाव में आम आदमी तक पहुंचाने की भी योजना है.
राज्य के 50 प्रतिशत वोटर्स युवा हैं अतः राज्य और केंद्र की योजनाओं को युवा वोटर तक पहुंचाने के लिए ‘वन बूथ, 20 यूथ’ के तहत काम करने की योजना है. बाकी लोकसभा क्षेत्रों के लिए होने वाले आगामी त्रिशक्ति सम्मेलनों में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा के आने की सूचना है. उत्तराखंड के बड़े शहरों में युवा संसद आयोजित करने की भी योजना बनाई जा रही है. आरएसएस प्रमुख मोहन भगवत की राजधानी में कई दिन मौजूदगी भी चुनावी हलकों में जरूरी मानी जा रही है.
कांग्रेस में प्रत्याशियों के चयन को लेकर कांग्रेस हाई कमान ने एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया है. इसमें प्रदेश कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को कोई जगह नहीं दी गई है. पांच सदस्यीय कमेटी में केवल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को ही जगह मिली है. पिछले एक दो दिनों में, कमेटी को संभावित प्रत्याशियों की लिस्ट भेजी गई थी. जहां प्रत्येक सीट के लिए 3-3 प्रत्याशियों का नाम भेजने के निर्देश थे वहीं प्रत्येक दावेदार को खुश रखने के चक्कर में 10 -10 प्रत्याशियों के नाम तक भेज दिए गए हैं.