एक्स से ब्लूस्काई की ओर जा रहे हैं यूज़र, क्या है ये और कौन हैं इसके मालिक ?

आपने हाल में अपने सोशल मीडिया पेज पर ‘ब्लूस्काई’ शब्द पॉप-अप होते हुए देखा होगा. आपने लोगों के बीच इसकी चर्चा भी सुनी होगी.

दरअसल ये एलन मस्क के मालिकाना हक़ वाले सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स का विकल्प है. ब्लूस्काई का कलर और लोगो भी एक्स से काफी मिलता-जुलता है.

ब्लूस्काई तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और इस समय हर दिन इस पर दस लाख साइन-अप हो रहे हैं.

ब्लूस्काई क्या है?

ब्लूस्काई खुद को सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म बताता है. ऐसा लाजिमी भी है. हालांकि ये दिखने में किसी भी दूसरी साइट जैसा ही लगता है.

इसके पेज पर बाईं ओर एक बार है जिसमें सर्च, नोटिफ़िकेशन, होम पेज और दूसरे तमाम ऑप्शन मौजूद हैं, जिसकी आप उम्मीद कर सकते हैं.

लोग इस प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिये पोस्ट, कमेंट और अपनी पसंदीदा चीज़ों को रीपोस्ट और लाइक कर सकते हैं.

आसान भाषा में कहें तो ये एक्स (पूर्व में ट्विटर) जैसा ही दिखता है.

एक्स से इसकी तुलना करें तो मुख्य अंतर डीसेंट्रेलाइजेशन का है. दरअसल ये एक जटिल शब्द है.

इसका मतलब ये है कि यूज़र अपना डेटा कंपनी के ओर से इस्तेमाल होने वाले सर्वरों से इतर सर्वरों पर भी होस्ट कर सकता है.

इसका मतलब ये हुआ कि यूज़र का अकाउंट ब्लूस्काई के नाम पर बने अकाउंट तक ही सीमित नहीं रहेगा. लोग अगर चाहें तो वो अपने अलग अकाउंट से भी इस पर साइन-अप कर सकते हैं.

लेकिन यहां इसका ज़िक्र जरूरी है कि ज़्यादातर लोग ऐसा नहीं करते हैं. ज़्यादा संभावना है कि इस पर आने वाले नए लोग अपने सरनेम के आगे ”.bsky.social” ही लगे रहना पसंद करेंगे.

ब्लूस्काई का मालिक कौन है ?

अगर आप सोच रहे हैं कि ब्लूस्काई बहुत कुछ एक्स जैसा ही अहसास देता है तो आपको इसका राज़ जानकर ज़्यादा आश्चर्य नहीं होगा क्योंकि इसे ट्विटर के पूर्व प्रमुख जैक डोर्सी ने ही बनाया है.

उन्होंने एक बार ये कहा भी था कि वो ब्लूस्काई को ट्विटर का डीसेंट्रलाइज़्ड वर्ज़न बनाना चाहते हैं. यानी कोई भी एक व्यक्ति या संस्था इसका मालिक न हो.

लेकिन जैक डोर्सी अब इसे विकिसत करने वाली टीम का हिस्सा नहीं हैं. वो मई 2024 में ही कंपनी के बोर्ड से बाहर निकल चुके हैं.

उन्होंने सितंबर में इस पर बना अपना अकाउंट भी डिलिट कर दिया है.

अब इसे मुख्य कार्यकारी अधिकारी जे ग्रैबर, अमेरिकी पब्लिक बेनिफ़िट कंपनी के तौर पर चला रहे हैं. इसमें ज़्यादातर हिस्सेदारी भी उन्ही की है.

ब्लूस्काई इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है?

ब्लूस्काई का अस्तित्व 2019 के आसपास से ही है. लेकिन तब इस पर इनविटेशन (आमंत्रण) के ज़रिये ही लोग साइन-अप कर सकते थे. इसका ये मॉडल इस साल फरवरी तक जारी रखा गया.

इसे व्यापक तौर पर आम यूज़र्स के लिए खोलने से पहले पर्दे के पीछे की सभी गड़बड़ियों को ठीक करने और तमाम गुत्थियों को सुलझाने का इसके डेवलपर्स को मौक़ा मिला.

यह योजना कुछ हद तक कामयाब रही लेकिन नवंबर में नए यूज़र्स की ऐसी बाढ़ आई कि साइट में रुकावट की समस्या बढ़ गई.

ये महज संयोग नहीं था कि नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद ब्लूस्काई यूज़र्स की संख्या में अचानक काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई.

दरअसल एक्स के मालिक एलन मस्क ट्रंप के बड़े समर्थक हैं. उन्हें ट्रंप प्रशासन में अब बड़ी जिम्मेदारी भी सौंपी गई है.

स्पष्ट है कि जो लोग ट्रंप को पंसद नहीं करते थे उनमें से कुछ ने एक्स छोड़ दिया. शायद इस वजह से भी ब्लूस्काई के यूज़र्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई हो.

लेकिन कुछ लोगों ने इसकी अलग वजहें भी बताई हैं. जैसे कि ‘गार्डियन’ अख़बार ने एक्स पर ये कहते हुए पोस्ट करना बंद कर दिया कि ये एक “बेहद ख़राब माहौल वाला मीडिया प्लेटफ़ॉर्म” है.

इस बीच, ब्लूस्काई ऐप दुनियाभर में काफी तेज़ी से डाउनलोड किया जा रहा है. गुरुवार को ब्रिटेन में ऐपल ऐप स्टोर पर डाउनलोड होने वाले तीन टॉप फ्री ऐप में ये भी शामिल था.

पॉप सिंगर लिज़ो से लेकर टास्कमास्टर के ग्रेग डेविस तक, कई सेलिब्रिटीज़ ने ऐलान किया है वो ब्लूस्काई ज्वाइन करने जा रहे हैं.

उन्होंने एक्स का सीमित इस्तेमाल करने या कुछ मामलों में इसे बिल्कुल ही छोड़ देने की भी मंशा जताई है.

बेन स्टिलर, जैमी ली कर्टिस और पेटन ओस्वाल्ट जैसी हस्तियां भी ब्लूस्काई ज्वाइन करने जा रही हैं.

ब्लूस्काई की ग्रोथ अहम है लेकिन उसे अपनी बढ़त तब तक कायम रखनी होगी जब तक ये एक्स को ठीक-ठाक चुनौती देने की स्थिति में न आ जाए.

एक्स अपने यूज़र्स की संख्या नहीं बताता है लेकिन समझा जाता है ये करोड़ों में है. एलन मस्क पहले कह चुके हैं इस प्लेटफ़ॉर्म पर हर दिन 25 करोड़ यूज़र आते हैं.

ब्लूस्काई कमाई कैसे करता है?

आख़िर ब्लूस्काई की कमाई कैसे होती है? ये बड़ा सवाल है.

कुछ निवेशकों और वेंचर कैपिटल फर्म से फंडिंग लेकर ब्लूस्काई शुरू किया गया था. इनके ज़रिये उसने करोड़ों डॉलर की पूंजी जुटाई है.

लेकिन इतने नए यूज़र आने के साथ ही उसके खर्चें भी बढ़ेंगे और इन्हें पूरा करने के उसे रास्ते भी निकालने होंगे.

ट्विटर के जब बहुत अच्छे दिन थे तो इसकी कमाई का ज़्यादातर हिस्सा विज्ञापन से आता था.

ब्लूस्काई ने कहा है कि वो विज्ञापनों से बचना चाहेगा, इसकी बजाय वो पेड सर्विसेज़ के ज़रिये कमाई का रास्ता तलाशेगा. उदाहरण के तौर पर ये यूज़र को उनके नाम से कस्टमाइज्ड डोमेन देकर पैसे ले सकता है.

कमाई का ये मॉडल जटिल लगता है लेकिन इस तरह के कस्टमाइज्ड डोमेन से ये ज़्यादा पर्सनल हो जाता है. यानी इसमें यूज़र इससे ज़्यादा जुड़ाव महसूस करेगा.

जैसे मेरा यूज़र नेम @abcd.bsky.social से ज्यादा आधिकारिक लगने वाला @abcd.abc.co जैसा लग सकता है.

इस आइडिया के समर्थकों का कहना है कि एक तो ये वेरिफ़िकेशन के तौर पर काम करेगा. यानी जिस संगठन के पास ये वेबसाइट होगी उसे इसे इस्तेमाल की मंजूरी देनी होगी.

अगर ब्लूस्काई के मालिक विज्ञापन नहीं चाहते हैं तो उन्हें निश्चित तौर पर कमाई के लिए सब्सक्रिप्शन बेचने जैसे व्यापक उपाय करने होंगे. तभी ये अपना सफर जारी रख सकता है.

लेकिन अगर ये बहुत ज़्यादा पैसा नहीं कमा रहा है तो ये कोई असामान्य बात नहीं है क्योंकि अमूमन ज़्यादातर टेक स्टार्ट-अप की यही स्थिति होती है.

एलन मस्क ने 2022 में ट्विटर खरीदा था. इससे पहले ट्विटर सार्वजनिक तौर पर कारोबार करने के अपने आठ सालों में अपना मुनाफ़ा दोगुना ही कर सका था.

हालांकि हम सब जानते हैं मस्क ने जब एक्स खरीदा था तो कैसा सौदा हुआ था. उस समय जिनके पास इसका मालिकाना हक़ था उन्हें मस्क ने 44 अरब डॉलर दिए थे.

फिलहाल ये पता नहीं है कि ब्लूस्काई का भविष्य कैसा होगा लेकिन ये मौजूदा रफ़्तार से ही बढ़ता रहा तो कुछ भी संभव है.

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