लब पे आती है दुआ – इक़बाल की नज़्म – शिक्षा विभाग ने शिक्षक को किया निलंबित

उत्तर प्रदेश के बरेली ज़िले के एक सरकारी स्कूल कंपोज़िट कमला नेहरू उच्च प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाचार्य और नियोजित शिक्षक के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है. इन दोनों पर आरोप है कि इन्होंने मशहूर शायर इक़बाल की कविता ‘लब पे आती है दुआ बनके तमन्ना मेरी’ मुस्लिम बच्चों के साथ-साथ हिंदू बच्चों से भी गवाई.

इसको लेकर एक वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीते 21 दिसंबर को नियोजित शिक्षक वज़ीरूद्दीन और विद्यालय की प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीकी के ख़िलाफ़ पहले तो मामला दर्ज हुआ और उसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है जबकि वज़ीरूद्दीन के ख़िलाफ़ विभागीय जांच बैठाई गई है.

फरीदपुर इंस्पेक्टर दया शंकर ने बताया, “इस मामले में विश्व हिंदू परिषद के नेता सोमपाल राठौर की शिकायत के बाद आरोपी नियोजित शिक्षक वज़ीरूद्दीन और प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीकी के ख़िलाफ़ सुसंगत धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है.”

शिकायत के मुताबिक इन शिक्षकों पर आरोप है कि उन्होंने हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से सुबह बच्चों को मुस्लिम विधि से प्रार्थना करवाई और ये सब इस्लाम धर्म की ओर प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया.

वहीं शिक्षकों पर कार्रवाई के बारे में बरेली के ज़िला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनय कुमार ने कहा, “इस मामले में प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीकी को निलंबित कर दिया गया है जबकि शिक्षा मित्र वज़ीरूद्दीन के ख़िलाफ़ जांच बैठाई गई है. फ़िलहाल मामले में जांच जारी है.”

क्या आरोप लगाया है वीएचपी नेताओं ने

यह सब विश्व हिंदू परिषद संगठन से जुड़े सोमपाल राठौर की शिकायत के बाद हुआ. सोमपाल राठौर ने बताया, “विद्यालय में तीन सौ के लगभग बच्चे कक्षा एक से आठ तक पढ़ते हैं. इनमें हिंदू बच्चों की संख्या अधिक है. यहां ‘लब पे आती है दुआ’ कराई जाती है. ये दुआ हिंदू बच्चों से नहीं कराई जानी चाहिए.”

विश्व हिंदू परिषद से ही जुड़े ज़िला स्तरीय नेता मानवेंद्र राणा ने कहा, “विद्यालय में प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीकी और शिक्षा मित्र वज़ीरूद्दीन दोनों शिक्षक-शिक्षिकाएं दोपहर के समय ये प्रार्थना करवा रहे थे. जबकि विद्यालय में ‘इतनी शक्ति हमें देना दाता’ होनी चाहिए थी. इसमें हमें शिकायत मिली थी जिसके बाद हमनें कार्यकर्ताओं से वीडियो बनवाई और शिकायत की गई.”

राणा कहते हैं, “उर्दू की कविता गवाने का कोई नियम नहीं है, ऐसे में किस आधार पर ‘लब पे आती है दुआ’ को बच्चों से गवाया गया है, ये तो नई प्रथा है.”

‘मैं छुट्टी पर थीं, मुझे तो कुछ मालूम ही नहीं’

वैसे इस मामले का एक दिलचस्प पहलू यह है कि नाहिद सिद्दीकी दावा करती हैं कि वे पिछले कुछ दिनों से छुट्टी पर चल रही हैं. फ़ोन पर बात करते हुए वह रो पड़ीं. उन्होंने कहा, “मुझे तो कुछ मालूम ही नहीं है, मैं तो 17 दिसंबर से 22 दिसंबर तक छुट्टी पर थीं. मेरी बेटी की शादी थी.”

उन्होंने यह भी बताया, “ऐसा तो कभी नहीं हुआ कि यहां प्रार्थना की जगह उर्दू कविता गवाई गई हो. मैं रिटायर होने के क़रीब हूं, मैं दोनों पैरों से चल भी नहीं सकती हूं. मेरी इकलौती बेटी की शादी थी तो मैं 21 दिसंबर को तो स्कूल ही नहीं आईं. मुझे अखबार से इस सब घटना की जानकारी हुई.”

इस सबके पीछे नाहिद सिद्दीक़ी ने षड्यंत्र होने का शक जताया है. लेकिन उनका शक किन लोगों पर है पूछे जाने पर वह कुछ बोल नहीं पायीं, लेकिन यह ज़रूर बताया कि उनके छुट्टी के दौरान कमलेश शर्मा के पास विद्यालय का प्रभार था.

वहीं वज़ीरूद्दीन से लगातार बात करने की कोशिश की लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया और ना ही परिवार के लोगों से ही बात हो पायी.

क्या कहता है विद्यालय स्टाफ़

कंपोज़िट कमला नेहरू उच्च प्राथमिक विद्यालय फरीदपुर नगर क्षेत्र में पड़ता है. इस विद्यालय में प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीकी के अलावा शिक्षा मित्र वज़ीरूद्दीन, सहायक शिक्षिका कमलेश शर्मा और एक अन्य सहायक शिक्षक हफीज़ खान तैनात हैं.

शिक्षकों के अनुसार यहां तक़रीबन तीन सौ से अधिक बच्चे पंजीकृत हैं. 21 दिसंबर को प्रधानाचार्या नाहिद सिद्दीक़ी के छुट्टी पर होने की वजह से विद्यालय का प्रभार कमलेश शर्मा के पास था. इस बात की तस्दीक़ वह खुद करती हैं.

उन्होंने कहा, “देखिए, जिस समय वीडियो बनाई गई उस समय में मैं दूसरी तरफ़ विद्यालय में बैठी थी, लेकिन जब ये वीडियो वायरल हुई तो मैंने वज़ीरूद्दीन से इस बारे में पूछा. उन्होंने मुझसे बताया कि कक्षा पांच की उर्दू की किताब में पीछे ये दुआ लिखी है. उर्दू विषय है तो इसे विषय की तरह पढ़ाया जा रहा है. प्रार्थना सुबह में होती है. विद्यालय में मुस्लिम बच्चे अधिक हैं.”

वह धर्मांतरण प्रेरित करने के आरोप को सिरे से ख़ारिज करती हैं. वह भी इस सबके पीछे किसी साज़िश को ही वजह बताती हैं. वह कहती हैं, “मेरा रिटायरमेंट होने वाला है, इस प्रकार के आरोप बिल्कुल ग़लत हैं.”

एक अन्य सहायक शिक्षक हफीज़ ख़ान से भी बीबीसी ने बात की. उन्होंने कहा, “इसमें कोई सच्चाई नहीं है. ये सब मनगढ़ंत है. दोपहर के समय वज़ीरूद्दीन एक्टिविटी क्लास ले रहे थे. विषय के तहत ही ये कविता है और उर्दू की किताब पर लिखी हुई भी है. कुछ मुस्लिम बच्चों के कहने पर ये उर्दू की कविता पढ़ी गई और किसी ने वीडियो बना वायरल कर दी.”

क्या साज़िश है?

इस सवाल के जवाब में कमलेश शर्मा सहमति जताती दिखीं. उन्होंने कहा, “हमारा विद्यालय परिसर पिछले काफ़ी समय से खुला हुआ था. विभाग ने यहां बाउंड्री करा दी थी. परिसर में ही एक मंदिर भी है. बाउंड्री होने के बाद यहां लोगों ने तमाम हंगामा किया था. वह कह रहे थे कि मंदिर में जाने के लिए यहां विद्यालय का दरवाज़ा हर समय खुला रहना चाहिए. इसके अलावा यहां परिसर खुला था तो आसपास के कुछ लोग यहां नहाते तक थे. शराब की बोतलें तक यहां पड़ी होती थीं.”

वह आसपास के कुछ लोगों से नाराज़ दिखीं. उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मंदिर और विद्यालय का रास्ता अलग नहीं हो जाता है तो इस प्रकार के विवाद होते रहेंगे.

‘सर तो बहुत अच्छे हैं’

हमने विद्यालय में पढ़ने वाले कुछ बच्चों से भी बात की. कक्षा सात में पढ़ने वाली साहिबा ने कहा, “मैं कक्षा सात में पढ़ती हूं. सर ने तो कभी प्रार्थना के समय उर्दू कविता नहीं करवाई लेकिन हमारे कहने पर सर ने दोपहर को ये उर्दू कविता करवाई थी.”

एक अन्य छात्र अमित राठौर ने कहा, “मैं भी कक्षा सात में पढ़ता हूं. वज़ीरूद्दीन सर हमें प्यार से पढ़ाते हैं. हमें कभी किसी ने उर्दू की कविता पढ़ाने के लिए ज़ोर नहीं डाला.”

छुट्टी पर थीं प्रधानाचार्या तो क्यों गिरी गाज?

नाहिद सिद्दीक़ी के 17 दिसंबर से 22 दिसंबर तक बेटी की शादी के चलते छुट्टी पर होने के बाद भी उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों हुई, इस सवाल के जवाब के लिए बेसिक ज़िला अधिकारी विनय कुमार से संपर्क नहीं हो सका.

जबकि प्रखंड शिक्षा अधिकारी विकास कुमार ने कहा, “मैं फिलहाल ही यहां पोस्टेड हुआ हूं. संभवतः इस बारे में प्रभारी निवर्तमान बीइओ पीएस राणा ही इस बारे में कुछ बता सकते हैं.”

जब हमने प्रभारी बीइओ पीएस राणा से बात की तो उन्होंने पोर्टल पर इस बारे में जवाब देने की बात कही. शाम तक बीबीसी ने उनसे कईं बार इस विषय में तस्दीक़ करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने पोर्टल ओपन नहीं होने की बात कही और कोई जवाब नहीं दिया.

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