ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर कमिश्नर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे पर लोकायुक्त ने FIR दर्ज की है। जबलपुर लोकायुक्त (Jabalpur Lokayukta) ने आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने पर तीनों आईएएस अफसरों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
दरअसल, साल 2007 से 2012 के बीच ग्वालियर कमिश्नर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे जबलपुर में बतौर एडीएम पदस्थ थे। जबलपुर के कुंडम इलाके में इन्होंने आदिवासियों की जमीन को बेचने की अनुमति दी थी। जबकि मध्य प्रदेश भू-राजस्व संहिता के अनुसार आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति कलेक्टर द्वारा ही दी जा सकती है। इस मामले में कलेक्टर से शिकायत की गई। शिकायत के आधार मौजूदा एडीएम शेर सिंह मीणा ने जांच कर प्रतिवेदन जबलपुर लोकायुक्त को दिया था। प्रतिवेदन के आधार लोकायुक्त ने FIR दर्ज की है।
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने पर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खास बात यह है कि तीनों अफसरों को लोकायुक्त ने अब तक एफआईआर दर्ज करने की सूचना तक नहीं दी है।
वहीं इस मामले में कांग्रेस के दिग्गज नेताओ का बयान भी सामने आया है। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा कि जिन्होंने भी यह कृत्य किया है उन पर कार्रवाई होनी ही चाहिए। हम इस कार्रवाई की प्रशंसा करते हैं। इस तरह के फैसले प्रजातंत्र को मजबूती प्रदान करेंगे। वहीं दिग्विजय सिंह ने BJP सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि इस गम्भीर मामले पर लोकायुक्त को कर्रवाई करनी पड़ी, क्या मामू सो रहा था?