
व्यापारियों के संगठन चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने चीनी सामान को बैन करने की मांग करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखा है. CTI का कहना है कि कोरोना संकट और सीमाओं पर बढ़े तनाव के मद्देनजर यह हमारे देश की जरूरत बन गई है. हमें भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा प्रभावित किए बिना चीन को आर्थिक रूप से कमजोर करना है.
CTI के संयोजक बृजेश गोयल ने खत में लिखा है, ‘चीन न केवल कोरोना महामारी का जनक है, बल्कि हमारे देश का सबसे बड़ा दुश्मन भी है. वह हर दिन सीमा पर हमारे जवानों के साथ झड़प करता रहता है. चीन को सबक सिखाने के लिए उसकी अर्थव्यवस्था को कमजोर करना सबसे महत्वपूर्ण है. 2019-20 में, भारत ने चीन से लगभग 65 बिलियन डॉलर का सामान आयात किया है और भारत चीन का बहुत बड़ा बाजार है चीनी उत्पादों की निर्भरता खत्म करना एक ऐसा मुद्दा है जिसे रात भर में नहीं किया जा सकता है, इसके लिए एक लंबी योजना तैयार करनी होगी.’
आगे CTI ने अपने पत्र में लिखा है कि इसके लिए 3 चरणों में लघु, मध्यम और दीर्घकालिक स्तरीय रणनीति बनानी पड़ेगी.
1. लघु अवधि-
कई ऐसी वस्तुएं हैं जो चीन से बड़ी संख्या में आयात की जाती हैं जो भारत में पहले से बन रही हैं और हम चाहें तो इन वस्तुओं का उत्पादन हमारे देश में और बढ़ा सकते हैं, इन वस्तुओं में कोई बहुत अधिक तकनीक की आवश्यकता नहीं है.
ये आइटम हैं-
खिलौने, कपड़ा, जूते, इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिक आइटम, कॉस्मेटिक, उपहार आइटम, घड़ियां, कपड़े, फर्नीचर, लाइटें, रसोई सामान, हाथ बैग, फैशन परिधान, जैम और आभूषण, स्टेशनरी, स्वास्थ्य उत्पाद, होली आइटम, दिवाली आइटम पर आयात तुरंत बैन होना चाहिए.
इस संदर्भ में MSME श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले सभी स्थानीय उद्योगों को आवश्यक प्रौद्योगिकी, वित्त और पैमाने को बढ़ाने के लिए आवश्यक समर्थन के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए.
2. मध्यम अवधि-
बहुत सारी आवश्यक तकनीकी स्तरों की आइटम जैसे ऑटो पार्ट्स, मशीनरी और इंजीनियरिंग पार्ट्स आदि के लिए चीन की निर्भरता को खत्म करने के लिए अन्य विकल्प तलाशना और भारत में इनकी तकनीक को विकसित करना.
3. लंबी अवधि –
उच्च टेक्नोलॉजी की वस्तुओं का चीन से आयात रोकने के लिए दूसरे देशों से इसका विकल्प तलाशना और भारत को एक मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के लिए ईज ऑफ डुइंग बिजनेस को प्रोत्साहन देना होगा.
इसके अलावा CTI ने मांग उठाई है कि हर उत्पाद पर उसके ओरिजिन देश का उल्लेख करना अनिवार्य करना चाहिए. साथ ही सरकार चीनी कंपनियों को सड़क, रेल परियोजना और निर्माण परियोजनाएं देना बंद करे. CTI ने केंद्र सरकार से भारत-चीन व्यापार के मुद्दे पर समीक्षा करने के लिए एक्सपर्ट्स, नौकरशाहों के साथ-साथ व्यापार और उद्योग संगठनों के लोगों को मिलाकर एक पैनल या कमेटी का गठन करने की मांग की है.