राहुल गांधी के इस्तीफे पर सस्पेंस, कांग्रेस के पास हैं ये तीन विकल्प

कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं, कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं,. बैठक में ऐसा होने की संभावना बताई जा रही है.

लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है. पार्टी को इतनी करारी हार मिली है कि नौबत कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे तक पहुंच गई है. इसी क्रम में आज दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई गई है. खबर है कि इस बैठक में जहां हार पर मंथन होना है, वहीं राहुल गांधी अपने इस्तीफे की पेशकश भी कर सकते हैं.

23 मई को नतीजे आने के बाद राहुल गांधी ने हार की जिम्मेदारी ली थी. राहुल गांधी के इस्तीफे पर अभी तक तीन तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं.

1- पहली तस्वीर ये है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश करेंगे, लेकिन कांग्रेस वर्किंग कमेटी के लोग करारी को सामूहिक जिम्मेदारी कहते हुए अस्वीकार कर सकते हैं. बैठक में ऐसा होने की संभावना है.

2- इसके बाद दूसरी तस्वीर ये है कि राहुल गांधी के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया जाएगा. इस हार के बाद कांग्रेस पर आत्मपरीक्षण की जरूरत है और कांग्रेस इससे प्रेशर में भी है. इसलिए ऐसी संभावना है कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी द्वारा राहुल गांधी के इस्तीफे को स्वीकर कर लिया जाए.

अगर ऐसा होता है तो कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत और मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम की चर्चा पहले से ही है. ऐसे में इन तीनों नेताओं में किसी एक को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ऐसा होने की बहुत कम संभावना है.

3- तीसरी तस्वीर और सबसे ज्यादा संभावना है कि राहुल गांधी इस्तीफा ही नहीं दें. पार्टी खुद को कमजोर नहीं दिखाना चाहेगी. इससे पहले भी पार्टी ने राहुल गांधी के इस्तीफे की बात को नकारा है. हो सकता है कि इस बैठक में चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर चर्चा हो और इसके परीक्षण के लिए एक अलग से कमेटी बना दी जाए. वर्किंग कमेटी सुधार करने, पार्टी को मजबूत करने के लिए एक प्रस्ताव पारित कर सकता है.

ऐसे में आज की बैठक से क्या निकलकर आता है, इस पर फिलहाल सबकी नजर है.

एनडीए गठबंधन को इस लोकसभा चुनाव में 353 सीटें मिली तो वहीं यूपीए गठबंधन 91 सीटों पर ही निपट गया. इन चुनाव में सबसे बड़ी बात रही कि राहुल गांधी अपनी यूपी की अमेठी सीट भी हार गए. इससे अलग कांग्रेस को सिर्फ 52 सीटों पर ही संतुष्टि करनी पड़ी.

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