BJP को रोकने के लिए ममता बनर्जी तैयार

पश्चिम बंगाल में BJP को रोकने के लिए ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने तैयार की पूर्व माओवादियों की पलटन

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए पूर्व माओवादियों की पलटन और कट्टरपंथियों से लड़ चुके लोगों को एकजुट किया है.

लोकसभा चुनाव (General Elections 2019) का रण जारी है. एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी अपनी वापसी के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. तो दूसरी तरफ, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मोदी सरकार को हटाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. इस बीच खबर है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा को रोकने के लिए पूर्व माओवादियों की पलटन और कट्टरपंथियों से लड़ चुके लोगों को एकजुट किया है. कभी माओवादियों का गढ़ रहे जंगलमहल के अंतर्गत झाड़ग्राम,मेदिनीपुर, बांकुरा तथा पुरुलिया जिले आते हैं. तृणमूल कांग्रेस ने जो पलटन तैयार की है उसमें माओवादी समर्थित पुलिस अत्याचार विरोधी जन सामिति (पीसीएपीए) के सदस्य हैं तो कुछ ‘जन जागरण मंच’ जैसे ग्राम प्रतिरोधक गुट के लोग भी शामिल है जिसने 2010-12 में उग्रवादियों से लोहा लिया था.

ऐसे लोगों को एकजुट करने वाले तृणमूल कांग्रेस के पश्चिम मिदनापुर जिले के अध्यक्ष अजित मैत्री ने कहा कि ऐसा बल इस समय की आवश्यकता है क्योंकि भाजपा के खिलाफ लड़ाई राजनीति के साथ ही विचारधारा की भी है. मैत्री ने कहा,‘‘भाजपा जैसी कैडर आधारित पार्टी से लड़ने के लिए आपको कैडर आधारित पलटन की ही जरूरत है. पूर्व माओवादी , पीसीएपीए के सदस्यों को जमीनी हकीकत की बेहतर समझ है साथ ही उन्हें जनता के बीच अपनी बात पहुंचाने तथा विचारधारा से जुड़े संदेशों की काट के तरीके भी पता हैं”. उन्होंने कहा, ‘‘उनमें बेहतरीन संगठनात्मक कौशल है. इसलिए हमने उन्हें एक साथ लाने की सोची ताकि जन संपर्क के लिए एक बेजोड़ पलटन तैयार की जा सके”.

तृणमूल कांग्रेस के नेता अजित मैत्री कहते हैं कि भाजपा के खिलाफ प्रचार के लिए कम से कम 200 लोगों का दल पश्चिम मिदनापुर और झाड़ग्राम में है. तृणमूल के बिनपुर ब्लॉक के अध्यक्ष श्याम लाल महतो लालगढ़ तथा मिदनापुर में पीसीएपीए के सक्रिय सदस्य रह चुके हैं. वह स्वीकार करते हैं कि लोग स्थानीय नेतृत्व से खफा हैं. वह कहते हैं, पश्चिम मिदनापुर में तृणमूल कांग्रेस की सबसे बड़ी दुश्मन है भाजपा और आरएसएस. पिछले कुछ वर्षों से विपक्ष के कमजोर होने से भाजपा ने जिले में घुसपैठ की है और वह आदिवासी लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही है. हम ऐसा नहीं होने देंगे. ‘जन जागरण मंच’ के संस्थापकों में से एक निशीत महतो कहते हैं, ‘मैं अपने क्षेत्रों में खासतौर पर आदिवासियों के बीच काम कर रहा हूं. हमारे पार्टी के नेताओं की कुछ गलतियों के कारण भाजपा और आएसएस यहां तक पहुंच गई है। लेकिन हमने उन गलतियों को सुधारा है’.

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