महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव परिणाम आने के लंबे समय बीत जाने के बाद भी अब तक सरकार बनाने में सियासी उठापटक और खींचतान जारी है। शिवसेना और भाजपा में से कोई भी झुकने को तैयार नही दिखाई दे रही है। इस बीच मौसम की मार झेल रहे मराठवाड़ा के किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। महाराष्ट्र देश की आर्थिक मंदी के चलते पहले से कम होते रोजगार की मार झेल ही रहा है। ऐसे में एक तरफ आपसी तालमेल खोती हुई युति है तो दूसरी ओर शरद पवार की एनसीपी और कांग्रेस हर कदम फूंक कर चल रही है।
अब हर सुबह बदलते घटनाक्रम में देश के बड़े दैनिक अखबार को दिए गए वक्तव्य में शिवसेना सांसद और शिवसेना मुखपत्र सामना अखबार के संपादक संजय राउत ने बिना नाम लिए फडणवीस पर करारा हमला बोल दिया है।
संजय राउत ने कहा है कि “यह कैसा गठबंधन ! जबकि भाजपा ने हमें जानबूझकर 32 सीटों पर चुनाव हरवा दिया”। संजय राउत ने अपनी भड़ास निकालते हुए कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है जो विरोधियों को खत्म कर देने की बात करती है, क्या यह सही भाषा है।
संजय ने कि कहा फडणवीस को शिवसेना को खत्म नही करना है बल्कि उन्हें तो खुदकी पार्टी में विरोध करने वालों को भी खत्म करना है।उन्हें खुद की भाजपा में ही चुनौती बन रहे नेताओं को किनारे लगाने का काम करना है।
इस बात से साफ इशारा मिलता है कि संजय राउत नितिन गडकरी की बात कर रहें हैं। क्योंकि नागपुर से ही फडणवीस आते हैं और उसी नागपुर विदर्भ से आने वाले लोकप्रिय नेता गडकरी ही एकमात्र चेहरा दिखाई दे रहे हैं जो मुख्यमंत्री के पद के लिए आज नही तो कल फडणवीस के प्रतियोगी साबित हो सकते हैं।
राउत यहीं नही रुके उन्होंने तो यह तक कह डाला कि फडणवीस को उनकी खुदकी पार्टी में ही कोई पसंद नही करता है।
एक दैनिक अखबार ने आज शीर्षक छापा है कि राउत का कहना है
“फडणवीस का व्यक्तित्व विरोध नही है वे उपमुख्यमंत्री बन सकते हैं”.
आखिर में यह जानकारी भी रोचक है कि आज की परिस्थितियों में फडणवीस न केवल शिवसेना से लड़ रहे हैं बल्कि संघ के पसन्द गडकरी से भी बच रहे हैं। वही गडकरी जिन्हें दिल्ली से ज्यादा मुंबई भाती है। वही गडकरी जो अपने अध्यक्षीय कार्यकाल में अमित शाह को मिलने के लिए अपने दफ्तर के बाहर घण्टो इंतजार करवाते थे।