जिंदगी की जंग हार गई उन्नाव गैंगरेप पीड़िता, दिल्ली के अस्पताल में ली आखिरी सांस

उन्नाव गैंगरेप की पीड़िता का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में देर रात निधन हो गया. पीड़िता को एयरलिफ्ट करके लखनऊ से दिल्ली लाया गया था. पीड़िता का शरीर 95 फीसदी जल चुका था. सफदरजंग अस्पताल के प्रवक्ता ने उन्नाव रेप पीड़िता के निधन की पुष्टि की है.

सफदरजंग अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के हेड डॉ. शलभ कुमार ने बताया, ‘हमारे बड़े प्रयासों के बावजूद पीड़िता को बचाया नहीं जा सका. शाम में ही उसकी हालत खराब होनी शुरू हो गई थी. रात 11.10 बजे उसे कार्डियक अरेस्‍ट आया. हमने इलाज शुरू किया और उसे बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन रात में 11.40 बजे उसकी मौत हो गई.’

डॉ. शलभ ने बताया कि फिलहाल पीड़िता के शव को मोर्चरी में भेज दिया गया है. अस्पताल में मौजूद पीड़िता की मां, बहन और भाई को इसके बारे में बता दिया गया है. बता दें कि पीड़िता ने मरने से पहले अपने भाई से कहा था कि मैं जीना चाहती हूं. पीड़िता ने यह भी कहा था कि दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए.

इससे पहले, पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट जारी की गई थी. रिपोर्ट के मुताबित रेप पीड़िता के शरीर पर कोई बाहरी या आंतरिक चोट नहीं मिली थी, सिर्फ जलने के साक्ष्य मिले थे. वहीं, यूपी के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार ने भी कहा था कि पीड़िता को जलाने से पहले या बाद में चाकू मारने या हिंसा की बात नहीं है.

95% जलने के बावजूद मदद के लिए एक किलोमीटर चली थी बेटी

गुरुवार को उन्नाव में गैंगरेप पीड़िता को पेट्रोल डालकर जिंदा जलाकर दिया गया था. ग्रामीणों ने मुताबिक 95 फीसदी जलने के बाद भी पीड़िता घटनास्थल से एक किलोमीटर तक पैदल चली थी और मदद की गुहार लगाई थी. पीड़िता ने खुद ही 112 नंबर पर फोन किया था और पुलिस से आपबीती बताई थी.

पुलिस ने पांचों आरोपियों को किया गिरफ्तार

वहीं, पुलिस ने गैंगरेप पीड़िता को जलाने के मामले में पांचों आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले में संज्ञान लेते हुए पीड़िता के इलाज में मदद और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए थे.




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