मोबाइल ऐप से होगी 2021 में होने वाली देश की 16वीं जनगणना, 12000 करोड़ होंगे खर्च

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखी. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है. नई जनगणना का ब्योरा इसी बिल्डिंग के माध्यम से रखा जाएगा.

शाह ने कहा कि जनगणना देश के भविष्य के विकास की योजना बनाने का आधार होती है. इसके लिए जन भागीदारी की जरूरत है. 1865 से अब तक 16वीं जनगणना होने जा रही है. उन्होंने कहा कि कई बदलाव और नई पद्धति के बाद आज जनगणना डिजिटल होने जा रही है.

अमित शाह ने कहा कि 2021 में जो जनगणना होगी, उसमें मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें डिजिटल तरीके से आंकड़े उपलब्ध होंगे. उन्होंने कहा कि जितनी बारीकी से जनगणना होगी, देश के अर्थतंत्र को मजबूत करने में उतनी ही मदद मिलेगी.

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 2014 में मोदी सरकार आई तो हमारे सोचने की क्षमता में बदलाव आया. यहीं से जनगणना के रजिस्टर के सही उपयोग की शुरुआत हुई. इसका सबसे बड़ा उदाहरण उज्ज्वला योजना है. इसके जरिए ये पता चला कि कई क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 93 प्रतिशत लोगों के पास गैस नहीं थी. डिजिटल तरीके से जब काम किया गया तो लोगों को गैस सिलेंडर सही तरीके से मिलने लगे.

अमित शाह ने कहा कि हमारी सरकार 22 योजनाओं का रेखांकन जनगणना के आधार पर कर रही है. बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ की योजना भी इसी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर निकली, जिस पर सही से काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जनगणना को संपूर्ण बनाने के लिए 16 भाषाओं को रखा गया है, जिससे लोग अपनी जानकारी सही तरीके से दे सकें.

उन्होंने कहा कि डिजिटल जनगणना होने से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक कार्ड समेत सभी कार्ड एक जगह आ जाएंगे. जिसके जरिए सब कुछ सही तरीके से हो सकता है. हालांकि इस पर अभी काम नहीं किया जा रहा है लेकिन जनगणना के डिजिटल होने से यह काम आसानी से हो सकता है. शाह ने कहा कि सरकार अब तक हुई सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा खर्च इस बार करने जा रही है. जनगणना में सरकार इस बार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है.

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