भारत की गंदगी अमरीका आ रही है : ट्रंप

अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से प्रदूषण को लेकर भारत को निशाने पर लिया है. भारत के कई हिस्सों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स ख़तरनाक स्तर पर पहुंच गया है और राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि लॉस ऐंजिलिस में भारत से गंदगी आ रही है.

इकनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क में लोगों को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा, ”भारत, चीन और रूस की गंदगी बहती हुई लॉस ऐंजिलिस तक पहुंच रही है. आपको पता है कि यहां एक समस्या है. तुलनात्मक रूप से हमारे पास ज़मीन का छोटा टुकड़ा है. अगर आप चीन, रूस और भारत जैसे और देशों से तुलना करें तो ये सफ़ाई और धुआं को रोकने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं. ये अपनी गंदगी समंदर में डाल रहे हैं और बहते हुए लॉस ऐंजिलिस तक पहुंच रही है.

कहा जा रहा है कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप कथित ग्रेट पैसिफिक गार्बेज पैच यानी जीपीजीपी का हवाला दे रहे थे. इसे पैसिफिक ट्रैश वोर्टेक्स भी कहा जाता है. नौवाहनों की ये गंदगी समंदर के ज़रिए हवाई और कैलिफ़ोर्निया तक पहुंचती है.

इनमें प्लास्टिक, केमिलकल अवशेष के साथ अन्य तरह की गंदगी पहुंचती है. हालांकि कई विश्लेषकों का मानना है कि ये गंदगी भारत से नहीं बल्कि चीन, वियतनाम, इंडोनेशिया, थाईलैंड और फिलीपींस से पहुंच रही है क्योंकि जीपीजीपी का प्राथमिक स्रोत भारत नहीं है.

ट्रंप अमरीका को ज़मीन का छोटा टुकड़ा कह रहे हैं जबकि दुनिया का यह चौथा सबसे बड़ा देश है जो कि भारत से चार गुना बड़ा है.

ट्रंप पहले भी रहे हैं हमलावर

ट्रंप ने इससे पहले इसी साल जून महीने में भी भारत पर प्रदूषण को लेकर हमला बोला था.

तब ट्रंप ने कहा था, ”भारत, रूस और चीन जैसे देशों में अच्छी हवा और पानी तक नहीं हैं. विश्व के पर्यावरण को लेकर ये देश अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाते हैं और न ही इन देशों को इस ज़िम्मेदारी का अहसास है. इन देशों में प्रदूषण और सफ़ाई को लेकर कोई सोच नहीं है.”

ट्रंप ने तब ब्रिटिश चैनल आईटीवी को दिए इंटरव्यू में ये बातें कही थीं.

ट्रंप ने कहा था, ”अमरीका दुनिया के सबसे स्वच्छ देशों में से एक है. ये बात आंकड़ों में भी साबित हुई है. हालात और बेहतर ही हो रहे हैं. वहीं भारत, चीन और रूस जैसे देशों को स्वच्छता और प्रदूषण की समझ तक नहीं है.”

अमरीकी राष्ट्रपति ने कहा था, ”भारत समेत कई देशों में बहुत अच्छी हवा भी नहीं है. न ही बहुत साफ पानी. अगर आप कुछ शहरों में जाएं…मैं इन शहरों का नाम नहीं लूंगा लेकिन मैं ले सकता हूं. इन शहरों में जाने पर आप सांस तक नहीं ले सकते.”

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