AGR बकाया भुगतान से भरेगा सरकारी खजाना, राजकोषीय घाटे में आएगी इतनी कमी

टेलीकॉम कंपनियां यदि तय समय पर एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के रूप में 1.20 लाख करोड़ रुपए का भी भुगतान कर देती हैं तो वित्त वर्ष 2018-19 का राजकोषीय घाटा 3.5 फीसदी पर आ सकता है. दिग्गज सरकारी बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की रिसर्च संस्था इकोरैप की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. 

अभी कितना है घाटे का अनुमान

गौरतलब है कि सरकार ने बजट में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए राजकोषीय घाटे के अनुमान को 3.5 फीसदी से बढ़ाकर 3.8 फीसदी कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने टेलीकॉम कंपनियों को तत्काल एजीआर बकाए का भुगतान करने को कहा है. टेलीकॉम विभाग के मुताबिक कंपनियों को एजीआर बकाए के रूप में करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये का भुगतान करना है.

सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद हरकत में आई टेलीकॉम कंपनियों ने दूरसंचार विभाग को एजीआर भुगतान करना शुरू कर दिया है. एयरेटल ने करीब 10 हजार करोड़ रुपये चुकाए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को दोपहर बाद वोडाफोन-आइडिया ने 2500 करोड़ रुपए और टाटा ग्रुप ने 2190 करोड़ रुपए का भुगतान एजीआर के रूप में दूरसंचार विभाग को कर दिया है.

कितना है कुल बकाया

उपलब्ध अंतिम अनुमान के हिसाब से ब्याज और जुर्माने सहित सभी कंपनियों पर करीब 1.47 लाख करोड़ रुपये का बकाया है. एयरटेल पर 35,586 करोड़ रुपये, वोडाफोन आइडिया पर 53 हजार करोड़ रुपये, टाटा टेलीसर्विसेज पर 13,800 करोड़ रुपये, बीएसएनएल पर 4,989 करोड़ रुपये और एमटीएनएल पर 3,122 करोड़ रुपये का एजीआर बकाया है. कई कंपनियों का कारोबार बंद हो चुका है. रिलायंस कम्युनिकेशंस और एयरसेल इस समय दिवालिया  प्रक्रिया का सामना कर रही हैं.

16 मार्च तक करना होगा इंतजार

एजीआर पर दिए गए फैसले का अनुपालन नहीं करने पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के बाद दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम कंपनियों पर भुगतान के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है.

एसबीआई इकोरैप (SBI Ecowrap)की रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय अंकगणित 16 मार्च के बाद तेजी से बदल सकता है. इसलिए हमें इस तारीख तक इंतजार करना होगा. 16 मार्च तक सभी टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर का भुगतान करना है, क्याें‍कि इसके बाद 17 मार्च को अगली सुनवाई है.

रिपोर्ट  में कहा गया है, ‘ हम मानते हैं कि एजीआर के रूप में सरकार को 1.20 लाख करोड़ रुपए भी मिलते हैं तो वित्त वर्ष 2020-21 में देश का राजकोषीय घाटा घटकर जीडीपी के 3.5 फीसदी पर आ जाएगा.’

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