राजनाथ-जयशंकर की 2+2 वार्ता में छाया नागरिकता कानून, भारत को मिला US का साथ

भारत और अमेरिका के बीच दूसरी 2+2 वार्ता वॉशिंगटन में बुधवार को हुई. इस दौरान दोनों देशों के बीच क्षेत्रीय, रक्षा संबंध, आतंकवाद और व्यापारिक संबंधों पर विस्तृत चर्चा हुई. बैठक के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने अफगानिस्तान, पाकिस्तान, नेपाल, श्रीलंका की परिस्थितियों पर अपनी राय साझा की. हमने साफ किया कि पाकिस्तानी नेताओं द्वारा भारत विरोधी हिंसा को बढ़ावा देना शांति के लिए ठीक नहीं है.

वहीं नागरिकता कानून पर भारत को अमेरिका का साथ मिला है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत में इसपर विस्तृत और सशक्त चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत के लोकतंत्र का सम्मान करता है. हमने क्षेत्रीय चुनौतियों को लेकर महत्वपूर्ण और सकारात्मक चर्चा की. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति और पूरे विश्व के प्रति भारत के नजरिए का हम सम्मान करते हैं.

माइक पोम्पियो ने आगे कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य भारत और अमेरिका दोनों के लिए महत्व रखता है. हम अफगानिस्तान में भारत के योगदान की सराहना करते हैं.

इस वार्ता में दोनों देशों के रक्षा और विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि इस मीटिंग में हमारे आंतक विरोधी प्रयासों को लेकर भी चर्चा हुई. सीमा पार से आने वाले आतंकियों और क्षेत्रीय खतरों के प्रति हमारी आपसी सहमति के चलते हमारे आतंक विरोधी प्रयासों में काफी सुधार हुआ है. मैं सेक्रेटरी माइक पोम्पियो के प्रति आभार व्यक्त करता हूं कि उन्होंने चाबहार प्रॉजेक्ट के लिए अमेरिकी सरकार के समर्थन की बात कही.  इस प्रॉजेक्ट से अफगानिस्तान को बड़ा फायदा होगा.

नागरिकता कानून पर क्या बोले माइक पोम्पियो?

प्रेस कॉन्फ्रेंस में नागरिकता कानून को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में माइक पोम्पियो ने कहा कि हम हमेशा से अल्पसंख्यकों के हितों के लिए चिंता करते हैं और हर जगह उनके धार्मिक अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े होंगे. हम भारत के लोकतंत्र का सम्मान करते हैं क्योंकि उन्होंने इस मुद्दे पर पर्याप्त और सशक्त बहस की. इस मुद्दे पर ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र का एक ही स्टैंड रहेगा.

माइक पोम्पियो ने कहा कि हम आंतकवाद को लेकर भारत सरकार के साथ अपनी साझेदारी के बारे स्पष्ट हैं, चाहे यह पाकिस्तान में पैदा हो रहा हो या कहीं और. हम अमेरिकी लोगों को आतंकवाद से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.





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