पायलट से कपिल सिब्बल ने पूछा- घर वापसी को लेकर क्या ख्याल है; बागी विधायक स्पीकर के नोटिस के खिलाफ जा सकते हैं कोर्ट

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार को सचिन पायलट पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने कहा कि वे भाजपा में शामिल नहीं होंगे। मुझे लगता है कि मानेसर में रुके विधायक हरियाणा की भाजपा सरकार की नजरों में छुट्टियां मना रहे हैं। लेकिन घर वापसी का क्या?’

स्पीकर के नोटिस के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं बागी विधायक

उधर, कांग्रेस के बागी विधायक स्पीकर के नोटिस के खिलाफ कोर्ट जा सकते हैं। हाईकोर्ट जाएंगे या सुप्रीम कोर्ट, अभी यह तय नहीं है। हालांकि, खबरें आ रही हैं कि इसे लेकर कानूनी सलाह ली जा रही है। बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सचिन पायलट समेत 19 कांग्रेस विधायकों को नोटिस भेजकर 17 जुलाई तक जवाब देने को कहा है।

उधर, बुधवार देर रात पायलट खेमे के 2 विधायक मुरारी लाल और रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हॉर्स ट्रेड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया। दोनों ने कहा कि हमारी लड़ाई आत्मसम्मान की है। इनका कहना है कि हम गहलोत के काम से संतुष्ट नहीं हैं।

‘जादूगर गहलोत जनता को भ्रमित कर रहे’


विधायक मुराली लाल ने कहा, ‘लोग मुख्यमंत्री गहलोत को जादूगर कहते हैं। उन्होंने हम लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यह इस बात को पुख्ता करता है कि वे वास्तव में असली जादूगर हैं। उनमें भ्रमित करने की क्षमता है। वे जादू से ऐसी चीज दिखा रहे हैं, जो हकीकत में नहीं है।’ उन्होंने हम पर करप्शन के आरोप लगाए हैं। मैं उनसे पूछना चाहूंगा कि पिछली बार जब उनकी सरकार थी और बहुजन समाज पार्टी से जब हम कांग्रेस में आए थे, तब हमने उनके कितने पैसे लिए थे। वे स्पीच देते थे कि इतने ईमानदार लोग, इतने ईमानदार विधायक मैंने जीवन में नहीं देखे। तो उस समय हम इतने ईमानदार थे और आज भ्रष्ट कैसे हो गए? वे हमें डराना चाहते हैं, लेकिन हमारे संस्कार डरने वाले नहीं हैं।

‘हम मुख्यमंत्री के काम से सहमत नहीं’ 


विधायक रमेश मीणा ने कहा, ‘सीएम ने जो स्टेटमेंट दिया है। वह अनुचित है। लोग उनकी कार्यशैली से और उनके कामकाज से असंतुष्ट हैं। राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी हावी है। जनप्रतिनिधियों के काम नहीं हो रहे। हमने जो मांगे रखीं, उन पर सीएम ने ध्यान नहीं दिया।’

कांग्रेस की शिकायत पर स्पीकर ने नोटिस भेजे

मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधानसभा सचिवालय में शिकायत की थी कि ये विधायक पार्टी की विधायक दल की बैठक से बिना सूचना दिए गैरहाजिर रहे। जबकि पार्टी ने व्हिप जारी किया था। इन पर एंटी डिफेक्शन लाॅ (दल-बदल कानून) लागू होता है। इसके तहत विधायकों की सदस्यता खत्म किए जाने का प्रावधान है। सचिन पायलट, रमेश मीणा, विश्वेंद्रसिंह, दीपेंद्रसिंह, भंवरलाल शर्मा, हेमाराम चौधरी, मुकेश भाकर, हरीश मीणा समेत 19 विधायकों को बुधवार दोपहर में नोटिस भेजे गए थे।

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा- सरकार गिराने में जुटे थे पायलट


बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहली बार सीधा हमला करते हुए गंभीर आरोप लगाए। कहा- ‘पायलट भाजपा के साथ मिलकर सरकार गिराने की साजिश में लगे थे। 20 करोड़ का सौदा था। मेरे पास इसके सबूत भी हैं।’

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