लापता नहीं है जैश सरगना मसूद अजहर, PAK का झूठ हुआ बेनकाब

पाकिस्तान का एक और झूठ बेनकाब हुआ है. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर और उसका परिवार लापता नहीं है. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान नाटक कर रहा है. मसूद अजहर को पाकिस्तान आर्मी और आईएसआई ने आर्मी के सेफ हाउस बहावलपुर में रखा है.

सूत्रों के मुताबिक, बहावलपुर के मरकज-ए-उस्मान अली में कड़ी सुरक्षा के बीच मसूद अजहर को रखा गया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इससे पहले मसूद अजहर अपने बहावलपुर और खैबर पख्तूनख्वा के घरों में भी आता जाता था. कुछ दिन पहले इमरान सरकार के मंत्री हमद अजहर ने खुलासा किया था कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर लापता हो गया.

FATF की कार्रवाई से बचने के लिए नाटक

दरअसल, फ्रांस की राजधानी पेरिस में एफएटीएफ की बैठक चल रही है. इसमें तय होने वाला है कि पाकिस्तान उसके ग्रे लिस्ट में रहेगा, उससे बाहर निकलेगा या फिर ब्लैक लिस्ट में चला जाएगा. इसके लिए आतंकवादियों पर कार्रवाई करने की जगह इमरान खान उनको संरक्षण दे रहे हैं. हाफिज सईद को दिखाने के लिए गिरफ्तार किया और मसूद अजहर को लापता बता दिया. अब खुलासा हुआ है कि मसूद अजहर लापता नहीं हुआ है, बल्कि उसको सेफहाउस में रखा गया है.

हाफिज पर कार्रवाई, मसूद पर लीपापोती

हाफिज सईद को तो पाकिस्तान ने कुछ दिनों पहले ही गिरफ्तार किया, लेकिन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर पाकिस्तान ने लीपापोती शुरु कर दी है. एफएटीएफ ये जानना चाह रही थी कि पाकिस्तान आतंकवाद से लड़ने के लिए कितना सतर्क है, लेकिन आलम ये है कि अक्टूबर से ही पाकिस्तान बार-बार कह कर रहा है कि मसूद अजहर पता नहीं कहां गायब हो गया. पाकिस्तान के मंत्री हमद अजहर का कहना है कि मसूद अजहर के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज नहीं कराया जा सकी क्योंकि वह अचानक लापता हो गया है.

आतंकियों पर पाकिस्तान की बेतुकी दलील

पाकिस्तान का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र ने जिन्हें आतंकी घोषित किया है, उनमें 16 आतंकी उसके देश के हैं, लेकिन इनमें सात मर चुके हैं. बाकी 9 में से सात ने संयुक्त राष्ट्र से अपील कर रखी है कि उन पर लगे आर्थिक और आने जाने पर पाबंदी हटाई जाए. इनमें लश्कर ए तैयबा का चीफ हाफिज सईद, हाजी मुहम्मद अशरफ, जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल सलाम भुट्टवी, याहया मोहम्मद मुजाहिद, आरिफ कासमानी और अल कायदा का फाइनैंसर अब्दुल रहमान शामिल है.

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