NHRC की सफाई- हमने नहीं की जामिया में पुलिसिया कार्रवाई की निंदा

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में पुलिसिया कार्रवाई की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने कभी भी निंदा नहीं की है. आयोग ने शुक्रवार को बयान में कहा, ‘कुछ लोगों ने दावा किया है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया में पुलिस कार्रवाई की मानवाधिकार आयोग ने निंदा की है. यह बयान गलत है और मामले की जांच जारी है.’

दरअसल, जामिया यूनिवर्सिटी में दिल्ली पुलिस की कथित कार्रवाई के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला दर्ज किया गया है. समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक शिकायतकर्ता सौरभ दास ने आरोप लगाया कि 15 दिसंबर की रात पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्व) की अगुवाई में दिल्ली पुलिस ने यूनिवर्सिटी के छात्रों पर बर्बरतापूर्वक हमला किया.

क्या है पूरा मामला?

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की सात सदस्यीय टीम ने 20 दिसंबर को जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का दौरा किया और लाइब्रेरी का निरीक्षण किया. जहां पुलिस ने कथित तौर पर छात्रों के खिलाफ बल प्रयोग किया था. दरअसल, जामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लाइब्रेरी में जबरन घुसकर हिंसा की.

छात्रों ने कहा पुलिसकर्मियों के हाथों में लाठियां थीं और उन्होंने किताबें फेंक दी.  NHRC से शिकायत में पुलिस पर इमारत में तोड़फोड़ करने, वकीलों को छात्रों से मिलने से रोकने और नाबालिगों को हिरासत में लेने का भी आरोप लगाया गया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के हिजाब को जबरदस्ती हटवाया. शिकायत में कहा गया कि यूनिवर्सिटी परिसर में पुलिसकर्मियों के जबरन घुसकर छात्र-छात्रों के साथ मारपीट और लाइब्रेरी में तोड़फोड़ की. 

बता दें कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में चल रहा प्रदर्शन 15 दिसंबर को उस समय हिंसक हो गया था जब बसों में आग लगा दी गई थी. इस दौरान जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस-छात्रों के बीच हिंसा हुई थी.



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