मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) सचिवालय में महीने की पहली तारीख को वंदे मातरम् (Vande Mataram) गाने की 13 साल पुरानी परंपरा के टूटने पर शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ आमने-सामने आ गए हैं. मध्य प्रदेश में वंदे मातरम् नहीं गाने पर शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस पर हमला बोला तो इसके तुरंत बाद कमलनाथ ने भी पलटवार कर दिया. दरअसल इससे पहले बीजेपी की सरकार में महीने के पहले कामकाजी दिन सचिवालय में राष्ट्र गीत गाया जाता था. मगर इस बार कमलनाथ सरकार में साल के पहले दिन ही इसका पालन नहीं हो सका और इस तरह से 13 साल पुरानी परंपरा टूट गई. इसे लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हमला बोलते हुए कहा कि अगर कांग्रेस को राष्ट्रगीत गाने में शर्म आती है तो वह खुद सचिवालय में वंदे मातरम् गाएंगे. हालांकि, इस पर पलटवार करते हुए कमलनाथ ने कहा कि जो वंदे मातरम् नहीं गाते हैं क्या वोह देशभक्त नहीं हैं?
शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने ट्वीट कर कहा था कि ‘कांग्रेस यह भूल गई है कि सरकारें आती हैं जाती हैं लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है. मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम का गाना हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरफ वल्लभ भवन के प्रांगण में हो.’
एक अन्य ट्वीट में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ‘अगर काग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंद मातरम मैं गाऊंगा.’
दरअसल, मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में वंदे मातरम् का गान हर सप्ताह कैबिनेट मीटिंग से पहले सभी मंत्रियों द्वारा किया जाता था और हर महीने की पहली तारीख को वल्लभ भवन (सचिवालय) के प्रांगण में वंदे मातरम् गान में सभी कर्मचारी और अधिकारी गण उपस्थित रहते थे. मगर इस बार साल 2019 के पहले कामकाजी दिन पर राष्ट्रगीत नहीं गाया गया.