kalki bhagavan को क्या डर है. वे भगवान हैं. भगवान भागते नहीं हैं. वी विजय कुमार नायडू कल्कि भगवान बनने से पहले जीवन बीमा में क्लर्क थे. वहां भी इनका काम जीवन की सुरक्षा ही था और अब नए रूप में जीवन की सुरक्षा ही है तभी तो उनके भक्त छापे के बाद भी बाबा के लिए ट्विटर पर सपोर्ट लेटर लिख रहे हैं.
कल्कि भगवान बनकर लॉन्च हुए तमिलनाडू के एक बाबा के यहां 600 करोड़ की संपत्ति मिली है. लेकिन इससे बड़ी ख़बर यह है कि कल्कि भगवान देश छोड़ कर नहीं जाएंगे और आयकर विभाग का सामना करेंगे क्योंकि देश के कानून का सम्मान करते हैं. सही बात है, जिस देश के लोगों ने इतना पैसा दिया, उस देश के कानून पर विश्वास जता कर कल्कि भगवान ने देश का बड़ा सम्मान किया है. सीखना चाहिए विजय माल्या या नीरव मोदी को. कल्की भगवान को क्या डर है. वे भगवान हैं. भगवान भागते नहीं हैं. वी विजय कुमार नायडू कल्कि भगवान बनने से पहले जीवन बीमा में क्लर्क थे. वहां भी इनका काम जीवन की सुरक्षा ही था और अब नए रूप में जीवन की सुरक्षा ही है तभी तो उनके भक्त छापे के बाद भी बाबा के लिए ट्विटर पर सपोर्ट लेटर लिख रहे हैं.
मेज़ पर इन नोटों को देखकर तय कीजिए कि भगवान कौन है. कल्कि भगवान हैं या ये नोट भगवान हैं. मंदी का टाइम है इसलिए तय करने में भावुक न हों. ऐसा लग रहा है कि सुबह सुबह नाश्ते में नोट खाए जाते हैं इसमें 20 करोड़ के अमरीकी डॉलर हैं. 44 करोड़ की भारतीय करेंसी है. 88 किलो सोना बरामद हुआ है. 1271 कैरेट के बेशक़ीमती हीरे भी मिले हैं. कैश रसीदें मिली हैं जिनसे पता चलता है कि 600 करोड़ की अघोषित संपत्तियां हैं. त्वरित निर्वाण यानी त्वरित मोक्ष की सुविध उपलब्ध कराने वाले कल्कि भगवान खुद को स्प्रीचुअल सुपरमार्केट कहते हैं. एमज़ान और फ्लिपकार्ट या बिगबाज़ार सुपरमार्केट कहलाते हैं मगर स्प्रीचुअल सुपरमार्केट की कल्पना तमिलनाडु में की गई किसी को पता भी नहीं. अलग-अलग वेबसाइट से पता चलता है कि इनके आशीर्वाद से एडमिशन हो गया. डूबे हुए पैसे वापस मिल गए. जिस देश में सिस्टम न काम करता हो वहां कल्कि भगवान को अपनी खुशी से देने पर एडमिशन हो जाए, डूबे हुए पैसे मिल जाए तो पता चलता है कि सिस्टम के बैठे लोग कुछ काम नहीं कर रहे हैं. यहां तक कि अम्मा के जन्मदिन पर एक भक्त का साधारण सिक्का सोने में बदल गया और वो एक करोड़ का हो गया. ये चमत्कार हो रहा है और हम लोग बैठ कर टीवी देखने में टाइम बर्बाद कर रहे हैं. मैं दावे के साथ कहता हूं कि यह सब सुनकर बहुत से लोग आज़माने भी चले जाएंगे. अगर आप हंस रहे हैं तो मुझे बहुत बुरा लगेगा. एक वेबसाइट के मिरेकल सेक्शन में लिखा है कि उनके गहने की दुकान में चोर सारा सामान लेकर जा रहा था, मगर तभी उसे कुछ ध्यान आया और उसने चोरी का सामान वहीं रख दिया. क्योंकि उस स्टोर का नाम है श्री कल्कि स्वर्ण भंडार था. सोचिए चोर तक बदल जा रहा है. यह कहानी आपको इसलिए बता रहा हूं ताकि आपको यकीन दिला सकूं कि कुछ नहीं हो सकता है. इस समाज में इतनी ग़रीबी है. यहां तक कि बाबा की कृपा से सारे बर्तन साफ हो गए. वेबसाइट पर एक भक्त ने लिखा है कि रात में रसोई के सारे जूठे बर्तन बाबा की कृपा से अपने आप साफ हो गए. सोचिए बर्तन तक साफ हो जा रहे हैं, ऐसे बाबा भारत की धरती पर नहीं आएंगे तो किस धरती पर आएंगे. चीन और अमरीका में ऐसे बाबा इसलिए नहीं हो सकते कि वहां पर आई पैड में बिजी हैं. भारत के लिए गर्व की बात है कि बाबा की कृपा से रात को बर्तन साफ हो जाते हैं. अगर ऐसे ही बाबा हर राज्य और मोहल्ले में हों तो बर्तन साफ करने की ज़रूरत नहीं है. अपने आप साफ हो जाएंगे.
कल्कि भगवान की चेन्नई में वननेस यूनिवर्सिटी है. 1996 में बनी थी. कितनी मेहनत की होगी. वाव. इस यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर लिखा है कि कल्कि भगवान और उनकी पत्नी अम्मा उस तरह से अवतार हैं जैसे बिथोवन म्यूज़िक के अवतार थे. गांधी अहिंसा के अवतार थे. आइंसटीन फिजिक्स के अवतार थे. आप हंस तो नहीं रहे हैं न. मैं सीरीयस न्यूज़ पढ़ रहा हूं. कल्कि भगवान गॉड रियलाइज़ेशन के एक्सपर्ट हैं. यानी ईश्वर की प्राप्ति के विशेषज्ञ हैं. जो भी ईश्वर की तलाश में भटक रह थे उन्हें अफसोस होगा कि पहले कल्कि भगवान का पता क्यों नहीं है. आयकर विभाग ने इनकी संपत्ति की तलाश में कई जगह पर छापे मारे. आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में 40 जगहों पर छापे मारे. हम लोग अभिजीत मुखर्जी को लेकर बिजी हैं. इतना समय अगर कल्कि भगवान पर लगाया होता तो आज सारे घरों के बर्तन साफ हो गए होते, क्या पता खाना भी अपने आप बन गया होता. क्लर्क से कल्कि बनने का लाजवाब आइडिया है. इसलिए मैं बाबा की कोई बुराई कर ही नहीं रहा क्योंकि यही अकेले नहीं हैं ऐसी सफलता प्राप्त करने वाले. बस इनसे मिलने की फीस पर सरकार अगर सब्सिडी दे देती तो अच्छा रहता. हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कल्कि भगवान और अम्मा भगवान के दर्शन हेतु 5000 रुपये की फीस है. विशेष दर्शन के लिए फीस 50,000 से शुरू होती है.
छापा इसलिए पड़ा क्योंकि बाबा ने रियल इस्टेट और कंस्ट्रक्शन कंपनियों में पैसा लगाया था. अगर आपको अफसोस हो रहा है तो मैं कुछ नहीं कर सकता. 2010 में आंध्र प्रदेश के हाईकोर्ट में इनके खिलाफ कई सारी याचिकाएं दायर हुई थीं. लेकिन इसका नतीजा क्या हुआ पता नहीं. अगर अब भी आपको लगता है कि इस समाज का कुछ हो सकता है तो आप संविधान पढ़ें. आर्टिकल 51-ए के हिसाब से वैज्ञानिक चेतना का प्रसार काम है सरकार और समाज का लेकिन जब बाबा खुद को ही विज्ञान और वैज्ञानिक घोषित कर दें तो इसमें संविधान का क्या कसूर. मैं चाहता हूं कि मंदी के इस दौर में बहुत से ऐसे लोग जो निराश हैं, जिन्हें बहुत दिन हो गए नोटों को देखे हुए. वो एक बार फिर से नोटो की इस गड्डी को देख लें. यह इसलिए नहीं दिखा रहा कि क्लर्क की कुर्सी पर बैठे हमारे सारे भाई लोग अफसोस करने लगे. भगवान सब कोई नहीं होता है. इससे दूसरे बाबाओं को घबराने की ज़रूरत नहीं है. जो कोई यह सोच रहा है कि हम लोग भी भगवान बन जाते हैं उनके लिए यही सलाह है कि अब लेट हो गई है. इसी जुलाई में इंडिया टुडे ने खबर छापी थी कि मंदिरों शैक्षिक ट्रस्ट में 4 लाख करोड़ से ज्यादा जमा हैं. ये लोग पैसे भी खर्च नहीं कर रहे हैं और आयकर छूट भी ले रहे हैं. दीपू राय की खबर है. खबर में कहा गया है कि सरकार ऐसे ट्रस्ट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने वाली है. आउटलुक पत्रिका ने जो 1997 में कल्कि भगवान पर लंबी रिपोर्ट की थी. कल्कि क्रेज़ नाम से. उस रिपोर्ट में इनके आस-पास की अफवाहों और कारनामों का ज़िक्र है. इससे पता चलता है कि मीडिया की रिपोर्ट कैसे समाज में शून्य हो जाती है. लोग ऐसे बाबाओं के चक्कर में पड़े रहते हैं.