कल शाम हमने एग्ज़िट पोल की ट्रेन चलाई थी. इस ट्रेन में अलग-अलग सर्वे कंपनीज़ और मीडिया हाउसेज़ के डब्बे थे. लेकिन सबमें एक बात कॉमन थी. सभी में एनडीए को यूपीए से कहीं-कहीं ज़्यादा सीटें मिल रही थीं. और ज़्यादातर में एनडीए को सरकार बनाते हुए भी दिखाया जा रहा था. हां, थे कुछ इक्का-दुक्का एग्ज़िट पोल, जिनमें एनडीए सरकार नहीं बना रही थी, लेकिन वहां भी 272 के जादुई आकड़ें से वो ज़्यादा दूर नहीं थी.
लब्बोलुआब ये कि, वैसे तो एग्ज़िट पोल केवल अनुमान भर होते हैं, लेकिन अगर इन अनुमानों की मानो तो बीजेपी के सामने कांग्रेस कहीं नहीं टिक रही.
लेकिन जब हम एग्ज़िट पोल को लेकर खबरें इकट्ठा कर ही रहे थे तो हमारी नज़र इस पोस्ट पर पड़ी-
आप भी इस पोस्ट पर गौर करें. इसमें एनडीए को सिर्फ 165 से 175 सीटें दी जा रही हैं. यानी बहुमत से 97 से 107 सीटें कम.
जबकि दूसरी तरफ यूपीए भी कोई बहुमत पाती नहीं दिखती. लेकिन फिर भी भाजपा वाले गठबंधन यानी एनडीए से 33 सीटें ज़्यादा पाती दिख रही है. जिसने भी ये पोल बनाया है, उसे निश्चित ही ये उम्मीद रही होगी कि शायद कांग्रेस… सपा+बसपा के साथ मिलकर… मे बी…
गौर करें ‘सर्वे बनाया है’ न की ‘किया है’. और किसने बनाया है ये सर्वे? विद आरजी वॉलेंटियर्स. फुल फॉर्म- राजीव गांधी. और जो फेसबुक पेज है उसका नाम है- विद आरजी
मतलब सोचिए उम्मीद करने वाले ने भी हद्द दर्ज़े की मॉडेस्टी दिखाई. दिल के खुश रखने को ग़ालिब ये ख्याल अच्छा है, वाले शेर को इग्नोर करते हुए कांग्रेस/यूपीए को पूर्ण बहुमत फिर भी नहीं दिया.
वैसे कांग्रेस समर्थक अगर इस विशेष स्प्रेडशीट को देखकर खुश हो रहे हैं तो उनको शायद जान लेना चाहिए कि क्या होगा अगर ऐसे रिज़ल्ट भी आ गए. अगर ऐसे रिज़ल्ट भी आ गए तो भी बेशक बीजेपी पहले कुछ घंटों में तो उदास रहेगी लेकिन उसने बाद उन 97 से 107 सीटों के जुगाड़ में लग जाना है जिनकी शॉर्टेज पड़ रही है. और अदर्स वाली रो इसके लिए सबसे आदर्श है.