हाथरस जाने से पहले राहुल और प्रियंका गांधी हिरासत में, पुलिस से धक्का-मुक्की में गिरे राहुल

उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका को ग्रेटर नोएडा में पुलिस ने पहली बार रोका तो दोनों कार से उतरकर पैदल ही आगे बढ़ गए। कुछ देर बाद पुलिस ने फिर रोका और राहुल को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले धक्कामुक्की में राहुल जमीन पर गिर गए। पुलिसवाले ने राहुल की कॉलर भी पकड़ी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राहुल के हाथ में चोट लगी है।

राहुल ने कहा, “पुलिस ने मुझे धक्का दिया, लाठी चार्ज किया, मुझे जमीन पर गिराया। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या इस देश में सिर्फ मोदी जी ही चल सकते हैं? क्या सामान्य आदमी नहीं चल सकता। हमारी गाड़ियां रोकी गई थीं, इसलिए हमने पैदल चलना शुरू किया। मैं गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मिलना चाहता हूं, ये मुझे रोक नहीं पाएंगे।”

राहुल ने पुलिस से पूछा कि किस धारा में आप मुझे गिरफ्तार कर रहे हैं, जनता और मीडिया को बताइए? पुलिस ने कहा कि सर, वो सबको बता दिया जाएगा। आपने धारा-188 का वॉयलेशन किया है।

धारा 188 क्या है?


1897 के महामारी कानून के सेक्शन 3 में जिक्र है कि अगर कोई कानून के निर्देशों और नियमों को तोड़ता है, तो उसे आईपीसी की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है। उसे सजा भी दी जा सकती है। इस संबंध में किसी सरकारी कर्मचारी के निर्देशों का उल्लंघन करने पर भी यह धारा लगाई जा सकती है।

4 साल पहले राहुल-प्रियंका को नोएडा जाने से रोका गया था


2016 में भी राहुल और प्रियंका गैंगरेप पीड़ित के परिवार से मुलाकात करने के लिए नोएडा पहुंचे थे, लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने उन्हें रोक दिया था। इसके बाद दोनों को दिल्ली लौटना पड़ा था।

प्रियंका का सवाल- क्या पीड़ित परिवार को धमकाकर चुप कराना चाहती है सरकार?


प्रियंका ने ट्वीट कर कहा है कि गैंगरेप की शिकार लड़की के पिता को जबरदस्ती ले जाया गया। सीएम से वीसी के नाम पर बस दबाव डाला गया। वे जांच की कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं। अभी पूरे परिवार को नजरबंद रखा है। बात करने पर मना है। क्या धमकाकर उन्हें चुप कराना चाहती है सरकार?

हाथरस के मामले में प्रियंका लगातार याेगी सरकार पर हमले कर रही हैं। उन्होंने बुधवार को ट्वीट कर मुख्यमंत्री से 3 सवाल पूछे। सबसे बड़ा सवाल यही था कि परिजन से जबरदस्ती छीनकर पीड़ित के शव को जलवा देने का आदेश किसने दिया?

गांव को छावनी बनाया गया, मेन रोड पर बैरिकेड लगाए


पीड़ित के गांव में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है। कोई भी बाहरी व्यक्ति पीड़ित के घर तक न पहुंच सके, इसके लिए गांव के बाहर मेन रोड पर बैरिकेड लगाए गए हैं। मीडिया को भी गांव में आने की परमिशन नहीं है। गांव के एंट्री पॉइंट पर एडीएम लेवल के अधिकारी भी तैनात हैं।

पुलिस ने कहा- दुष्कर्म की पुष्टि नहीं


हाथरस के एसपी विक्रांत वीर ने कहा है कि अलीगढ़ अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़ित के शरीर पर जख्मों की बात है, लेकिन दुष्कर्म की पुष्टि नहीं की गई है। डॉक्टर्स का कहना है कि फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकता है।

मायावती बोलीं- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए


बसपा अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा नहीं कर सकते तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। केंद्र सरकार से अपील करती हूं कि योगी को उनकी जगह पर यानी गोरखनाथ मठ भेज देना चाहिए। अगर उन्हें वह भी पसंद नहीं तो राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी दे देनी चाहिए। केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।

भाजपा का तंज- कुछ लोग पॉलिटिकल टूरिज्म कर रहे


केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की घटनाओं का सभी को दुख है और चाहते हैं कि दोषियों को सजा मिले। इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की कोशिशों के नतीजे जल्द नजर आएंगे। कुछ लोग पॉलिटिकल टूरिज्म के जरिए तनाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए।

सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोका


राहुल-प्रियंका के पहुंचने से पहले समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पीड़ित के गांव तक पहुंचे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें गांव के अंदर जाने से रोक दिया। विरोध में सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी।

क्या है पूरा मामला?


हाथरस जिले के चंदपा इलाके के गांव में 14 सितंबर को 4 लोगों ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया था। आरोपियों ने युवती की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी और उसकी जीभ भी काट दी थी। दिल्ली में इलाज के दौरान पीड़ित की मौत हो गई। चारों आरोपी गिरफ्तार कर लिए गए हैं।

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