यह शाह की जीत और मोदी की हार है !!!

देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफा दे दिया है अजीत पवार की घर वापसी हो गई है शरद पवार का बुढापा सुधर गया है और अजीत, सुप्रिया और रोहित का भी भविष्य भी सुरक्षित हो गया है पूरा मीडिया अभी शरद पवार को सबसे बड़ा चाणक्य साबित करने में लग गया है लेकिन सियासत के इस शतरंज के सबसे बड़े शातिर शाह ही साबित हुए है ! 👍

जैसे ही विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आए तो अमित शाह ने युद्ध स्तर पर हरियाणा की सियासी जमावट की और 48 घँटे के अंदर दुष्यंत को उपमुख्यमंत्री बनाकर बीजेपी की सरकार बना दी लेकिन क्या कारण है कि एक महीने के बाद भी महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार के लिए बिलकुल भी प्रयास नही किये क्यों उन्होंने उध्दव ठाकरे से एक बार बात नही की और महाराष्ट्र का एक भी बार दौरा नही किया क्यो उन्होंने लोकसभा चुनाव की तरह शिवसेना को मनाकर साथ मे क्यो नही मिलाया??

अगर आप मुझे पढ़ते रहे है तो आपको याद होगा कि 370 हटने के बाद मैंने लिखा था कि देश की राजनीति का बिग बॉस कौन है क्यो हर महत्वपूर्ण मुद्दे पर शाह की ब्रान्डिंग की जा रही है में लिखता आ रहा हूँ कि मोदी 2024 का चनाव शायद ही लड़े और अमित शाह ही बीजेपी के अगले प्रधानमंत्री उम्मीदवार हो सकते है लेकिन इस सबके बीच एक देवेंद्र खड़े हुए थे !!!!!

जितना में अमित शाह और मोदी की राजनीति को जानता हूँ उसके आधार पर कह सकता हूँ की वो अपने सामने में उठने वाली हर राजनीतिक संभावना का गला घोंट देते है शंकर सिंह वाघेला,हरेन पंडया और केशूभाई पटेल इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है !

अमित शाह शुरू से जानते थे कि देवेंद्र फडणवीस एक युवा,बेदाग और ऊर्जावान मुख्यमंत्री है और वो नरेंद्र।मोदी की आँख के तारे है इसलिए वो शुरू से नही चाहते थे कि वो मुख्यमंत्री नही बने लेकिन जब देवेन्द्र ने अजित पवार की बात पर विश्वास करके कच्ची राजनीति खेली तो अमित शाह को बहुत बड़ा मौका मिल गया अमित शाह ने इस पूरे खेल से अपने आप को अलग कर लिया और अपने किसी सिपहसलार को भी इस काम मे नही लगाया जिसके कारण इस पूरी लड़ाई में देवेन्द्र फडणवीस अभिमन्यु की तरह अकेले पड़ गए और राजनीति के घाघो ने उन्हें घेर कर मार दिया !

इस राजनीति से अमित शाह ने एक तीर से कई शिकार किये है अजित पवार के साथ होने से देवेंद्र की ईमानदार छवि धूमिल हो गई शिवसेना से हिंदुत्व का मुद्दा छीन गया कांग्रेस की धर्म निरपेक्षता का मखोल भी उड़ गया और देवेंद्र फडणवीस जैसा नेता उड़ने से पहले ही कैद हो गया !

अमित शाह स्टाक ब्रोकर रहे है उन्होंने सियासी मार्केट के हिसाब से राजनीति के शेयर के भाव बढ़ाने और घटाने का काम बखूबी आता है आज वो भारतीय राजनीति को शतरंज की बाजी की तरह खेल रहे है उनके सभी मोहरे मजबूत है आज की चाल से उन्होंने मोदी की राजनीति को शह दे दी है और सब दाँव सही पडे तो वो किसी दिन भी उन्हें भी मात दे सकते है 🎯🎯🎯

शतरंज में वजीर और जिंदगी में जमीर…
अगर मर जाये, तो खेल खत्म समझिये…

-अपूर्व भारद्वाज

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