लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के एक अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (USCIRF) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लेकर बयान जारी किया है, जिसमें उनपर बैन लगाने की मांग की है. इस मसले पर अब भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब दिया है और कहा है कि इस संस्थान का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उससे वह चौंके नहीं हैं. फिर भी वह उनके इस बयान की निंदा करते हैं.
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि USCIRF की ओर से जिस तरह का बयान दिया गया है, वह हैरान नहीं करता है क्योंकि उनका रिकॉर्ड ही ऐसा है. हालांकि, ये भी निंदनीय है कि संगठन ने जमीन की कम जानकारी होने के बाद भी इस तरह का बयान दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने मंगलवार को इस मसले पर बयान दिया. रवीश कुमार ने कहा, ‘USCIRF के द्वारा जो बयान दिया गया है वह सही नहीं है और ना ही इसकी जरूरत थी. ये बिल उन धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देता है जो पहले से ही भारत में आए हुए हैं. भारत ने ये फैसला मानवाधिकार को देखते हुए लिया है. इस प्रकार के फैसले का स्वागत किया जाना चाहिए, ना कि उसका विरोध करना चाहिए.’
#MEA on @USCIRF stand on #CAB
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) December 10, 2019
"The position articulated by USCIRF is not surprising given its past record. It is, however, regrettable that the body has chosen to be guided only by its prejudices and biases on a matter on which it clearly has little knowledge & no locus standi" pic.twitter.com/4LMXCQg6UY
रवीश कुमार बोले कि नागरिकता संशोधन बिल किसी तरह से भारत में रह रहे लोगों को प्रभावित नहीं करता है. संस्था ने अपने बयान में जो सुझाव दिए हैं, वह किसी तरह सही नहीं हैं. हर देश को अपनी पॉलिसी के तहत कानून बनाने का अधिकार है, जिसमें अमेरिका भी शामिल ह
गौरतलब है कि लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद अमेरिका के धार्मिक स्वतंत्रता केंद्रीय आयोग (USCIRF) ने दोनों सदनों में बिल पास होने पर गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अमेरिका से प्रतिबंध लगाने की भी मांग कर दी है.
USCIRF is deeply troubled by the passage of the Citizenship (Amendment) Bill (CAB) in the Lok Sabha. The CAB enshrines a pathway to citizenship for immigrants that specifically excludes Muslims, setting a legal criterion for citizenship based on religion.https://t.co/E8DafI6HBH
— USCIRF (@USCIRF) December 9, 2019
हालांकि, इस मांग पर अमेरिकी सरकार के द्वारा कोई बयान नहीं दिया गया है. संस्थान की ओर से CAB, NRC की निंदा की गई है और इसे भारत में मौजूद मुस्लिमों के खिलाफ एक्शन से जोड़ा है.