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चुनाव हलफनामा केस: फडणवीस की याचिका पर SC ने फैसला किया सुरक्षित

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पुनर्विचार याचिका पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने मामले का सुना और फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस को 2014 के आमचुनाव में नामांकन के वक्त अपने खिलाफ दर्ज और लम्बित आपराधिक मुकदमे की जानकारी छिपाने पर ट्रायल का सामना करने का फैसला सुनाया था.

देवेंद्र फडणवीस की ओर से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी. इस याचिका पर दलील देते हुए फडणवीस के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि फडणवीस ने नामांकन के वक्त पर्चों में ऐसा कोई मामला या जानकारी नहीं छुपाई जिसमे कोर्ट ने संज्ञान लिया हो.

इस पर जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि क्या आपके खिलाफ सारे लम्बित और दर्ज मामलों की सारी जानकारी देना ज़रूरी नहीं था? आपको नहीं लगता कि क्या सब कुछ साफ साफ बताना जरूरी था? इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि कानून में ऐसी कोई बाध्यता नहीं है. मुकदमा दर्ज कराने वालों ने RP एक्ट के प्रावधानों को बदले की भावना से गलत नजरिए से पेश किया.

जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा कि सवाल सिर्फ ये है कि RP एक्ट की धारा 33A में धारा 31 के प्रावधान शामिल हैं या नहीं? इस पर मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि ये तो विशुद्ध रूप से कानूनी प्रश्न है, लेकिन मैंने कोई गलत जानकारी अपने पर्चे में नहीं दी है. जानकारी छुपाने के इल्जाम में किसी अन्य धारा में मुकदमा भले दर्ज हो लेकिन इस धारा में तो कतई नहीं हो सकता.

सुप्रीम कोर्ट ने देवेंद्र फडणवीस के 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक केसों की जानकारी छिपाने के मामले में नागपुर की कोर्ट को ट्रायल फिर से चलाने का आदेश दिया गया था. नागपुर के वकील सतीश उके ने कोर्ट में एक आवेदन दायर कर मांग की थी कि फडणवीस के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही शुरू की जाए.

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