वुहान में ठीक हुए कोरोना मरीजों में 90 फीसदी के फेफड़े खराब, ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहना पड़ रहा

दुनिया में कोरोना की जन्मभूमि चीन के वुहान शहर में कोरोना मरीजों के बारे में नई रिपोर्ट सामने आई है। वुहान यूनिवर्सिटी के डॉक्टरों के एक सर्वे के मुताबिक वुहान में जितने भी मरीज कोरोना वायरस से ठीक हुए उनमें से ज्यादातर के फेफड़े बुरी हालत में हैं। यही नहीं रिकवर हुए मरीजों में से 5 फीसदी तो दोबारा कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हैं। 

पेंग की टीम ने मरीजों के साथ 6 मिनट का वॉक टेस्ट किया। उन्हें पता चला कि ठीक हुए मरीज 6 मिनट में सिर्फ 400 मीटर ही चल पा रहे हैं।जबकि, एक स्वस्थ इंसान 500 मीटर तक चला जाता है।

ठीक हुए मरीजों में से कुछ मरीजों को तीन महीने बाद भी ऑक्सीजन सिलेंडर पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, 100 में से 10 मरीजों के शरीर से कोरोना के खिलाफ लड़ने वाली एंटीबॉडी ही खत्म हो चुकी हैं।

वुहान यूनिवर्सिटी की झॉन्गनैन अस्पताल में एक टीम काम कर रही है। इसने वुहान में कोरोना से ठीक हुए 100 मरीजों का एक सर्वे किया। टीम इन 100 ठीक हुए मरीजों पर अप्रैल से नजर रख रही थी। समय-समय पर इनके घर जाकर इनकी सेहत के बारे में हालचाल लेती थी। एक साल चलने वाले इस सर्वे का पहला फेज जुलाई में खत्म हुआ। इस सर्वे में मरीजों की औसत उम्र 59 साल है।

पहले फेज के परिणामों के अनुसार ठीक हुए मरीजों में 90 फीसदी के फेफड़े बर्बादी की कगार पर हैं। यानी इन मरीजों के फेफड़ों का वेंटिलेशन और गैस एक्सचेंज फंक्शन काम नहीं कर रहा है। ये लोग अब तक पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हो पाए हैं।

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