ब्लॉकचेन क्या है और कैसे काम करता है ? | What is blockchain technology and how does it work ?

Blockchain kya hai: Blockchain एक प्रकार का Technology है। Blockchain Technology की मदद से ही Bitcoin जैसी Cryptocurrency अपना काम करती है। इसके अलावा भी जितने भी क्रिप्टो करेंसी हैं सब ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) की मदद से ही कंट्रोल की जाती है।

आने वाले कुछ सालों में ब्‍लॉकचेन टेक्नोलॉजी हमारे चारों तरफ हर काम के लिए उपयोग हो सकेगा। इस टेक्नोलॉजी के खास बात यह है कि इसमें फ्रॉड होने की संभावना ना के बराबर होती है। और प्राइवेट टेक्नोलॉजी के अंतर्गत कुछ भी डाटा को चेंज किया जा सकता है। जबकि Blockchain टेक्नोलॉजी में जो डाटा एक बार Save हो जाएगी। उसे बदलना मुश्किल ही नहीं, बल्कि नामुमकिन है।

लोग Bitcoin के बारे में तो अच्छे से जानते हैं लेकिन इसके पीछे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? Blockchain Technology kya hai? इस बात से बिल्कुल अपरिचित है। और हमेशा दिमाग में आते रहता है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? Blockchain Technology kaise kaam karte hai?

ब्‍लॉकचेन क्या है ? Blockchain technology कैसे काम करती है?

अगर साधारण भाषा में समझा जाएं तो Bitcoin cryptocurrency को कंट्रोल करने के लिए जिस टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाता है। वह  Technology Blockchain कहलाती है।

Blockchain Database का एक संग्रह है जहां पर सारी जानकारी को इलेक्ट्रॉनिक रूप से एक कंप्यूटर में save करके रखा जाता है। लोगों तक आसानी से पहुंच बनाने के लिए भी ब्लॉकचेन डिजिटल रूप से सारी जानकारी को रिकॉर्ड करके रखता है।

ब्लॉकचेन (Blockchain) का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे एक साथ कई लोग इस्तेमाल कर सकते हैं। यह लोगों को इतना पसंद आने का सबसे बड़ा कारण है कि Blockchain Technology किसी व्यक्ति या संस्था के कंट्रोल में नहीं होती है। ये बातें इसे अनोखा  बनाती है।

अब सिंपल से किसी Normal Computer में जो भी जानकारी किसी व्यक्ति द्वारा या फिर संस्था द्वारा स्टोर किया जाता है। उसमें हेराफेरी किया जा सकता है। लेकिन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी Blockchain Technology में जो जानकारी एक बार Store हो गई अब उसे बदला नहीं जा सकता है। जिस वजह से कई सारे बिजनेसमैन इस टेक्नोलॉजी को अपना रहे।

ब्‍लॉकचेन क्या है? (Blockchain kya hai?) अब अब आप को थोड़ा-थोड़ा समझ में आने लगा होगा की ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है? Blockchain Technology kya hai? तथा ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी कैसे काम करती है? Blockchain Technology kaise kam karte hai? 

Blockchain Technology कैसे काम करती है?

मुख्यतः Blockchain Technology के तीन तरह से काम करती है। जो अलग-अलग तरीके से अपना काम करती है। यह तीन भाग निम्नलिखित है

  1. Blocks
  2. Miners
  3. Nodes

Blocks क्या है? Blocks कैसे काम करती है?

Blockchain के अंतर्गत बहुत सारे Blocks काम करती है। अगर डाटा से एक ब्लॉक फुल हो जाता है ऑटोमेटिक दूसरे ब्लॉक के साथ यह जुड़ जाते हैं। इसी को हम लोग Blockchain का Blocks कहते हैं।

जब आप किसी भी तरह का लेनदेन करते हैं तो Blocks में Hash नंबर बन जाता है, जो कि पिछले Block से जुड़ा हुआ होता है। इस इमेज के माध्यम से आप इसे समझ सकते हैं।

Blockchain Technology

अगर कोई भी थर्ड पार्टी इन Blocks के साथ छेड़छाड़ करता है। तो इसके hash नंबर बदल जाते हैं और बड़े ही आसानी से पता चल जाता है कि किसी ने इस Blocks के साथ छेड़छाड़ की है।

Miners क्या है? Miners कैसे काम करती है?

Blockchain Technology के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा Minersको माना जाता है। क्योंकि Miners ही नए-नए ब्लॉक को Create करने का काम करती है। जब भी किसी प्रकार का लेनदेन होता है। तो Miners एक नया Block Create कर देती है।

Suppose आपने Bitcoin से ट्रांजैक्शन किया। इस बात की Information सबसे पहले Miners के पास पहुंचती है। और Miners ही आपके Transaction Details को एक Block में convert करेगी और एक नया hash नंबर से जोड़ती है।

यह सुनने में या पढ़ने में आपको जितना आसान लग रहा है असल में इतना आसान होता नहीं है। Miners Mathematical Puzzle की तरह काम करता है, जिसे सॉल्व करना इंसानी दिमाग के बस का  नहीं है। इसके लिए एक शक्तिशाली कंप्यूटर की आवश्यकता पड़ेगी।

अगर कोई हैकर्स इसे हैक करने की सोच रहा है तो उसको Blockchain में मौजूद सारे Block को हैक करना होगा, जोकि नामुमकिन है। इसके लिए एक शक्तिशाली कंप्यूटर की आवश्यकता पड़ेगी। इसलिए हैक करना बहुत बहुत बहुत मुश्किल है।

Nodes क्या है? Nodes कैसे काम करती है?

Blockchain में Nodes Data storage का काम करता है। इसके पास किसी भी प्रकार की लेनदेन या ट्रांजैक्शन की जानकारी स्टोर रहती है। मतलब आपके खाता को Maintain करके रखने का काम Blockchain Technology में Nodes का है।

इस टेक्नोलॉजी में पूरे नेटवर्क को अपने पास जोड़कर रखने का काम करती है। साथ ही साथ Blockchain की हर एक ट्रांजैक्शन को कॉपी करके रखती है। इसमें जो भी लेन देन या गतिविधि होती है। उसे Verify कर नेटवर्क को अपडेट करते रहती है। और गलत गतिविधि या लेन देन होने पर सभी Nodes आपस में मिलकर उसे रद्द कर देती है।

Blockchain Technology की शुरूवात किसने की थी?

Blockchain क्या है? जैसे सवालों के जवाब मिलने के बाद आपके दिमाग में एक बात जरूर चल रहा होगा। कि आखिर ऐसा कौन है जिसने Blockchain जैसी टेक्नोलॉजी के बारे में सोचा? आइए उन महान व्यक्ति के बारे में जानते हैं जिसने ब्लॉकचेन जैसे टेक्नोलॉजी से दुनिया को रूबरू करवाया।

Blockchain Technology का प्रस्ताव सन 1984 में प्रसिद्ध क्रिप्टोग्राफर डेविड चाम ( David Chaum) ने रखा था।इसे आगे बढ़ाने का काम सन 1991 ईस्वी में Stuart Harber और W.Scott Stornetta ने किया। लेकिन उस समय दुनिया इतना विकसित नहीं हुआ था कि इसकी टेक्नोलॉजी को एक्सेप्ट कर सकें।

जब साल 2009 में Satoshi Nakamoto ने Bitcoin जैसी Cryptocurrency को लांच किया तो Blockchain Technology को जैसे पड़ निकल आए। आज हर कोई इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं।

Blockchain Technology के कितने प्रकार होते हैं?

Blockchain Technology मुख्यता तीन प्रकार के होते हैं। जो निम्नलिखित है

  1. Public Blockchain
  2. Private Blockchain
  3. Hybrid Blockchain

Public Blockchain

Public Blockchain का उपयोग सभी लोग कर सकते हैं। जैसे Bitcoin, Litecoin इत्यादि सभी पब्लिक ब्लॉकचेन के अंतर्गत आते हैं। अगर आपके पास High Internet connection है तो आप पब्लिक ब्लॉकचेन का उपयोग कर इन नेटवर्क की गतिविधि को माइनिंग कर सकते हैं।

Private Blockchain

पब्लिक ब्लॉकचेन के बिल्कुल विपरीत Private Blockchain काम करती है। इसका उपयोग करने के लिए आपको परमिशन लेनी पड़ती है, क्योंकि इसे कोई सिंगल पार्टी कंट्रोल करती है। Private Blockchain का उपयोग बड़ी बड़ी संस्था करती है। प्राइवेट ब्लॉकचेन के उदाहरण Hyperledger, Multichain, Ripple इत्यादि हैं।

Hybrid Blockchain 

Hybrid Blockchain, Public Blockchain और Private Blockchain का combination है। यह ब्लॉकचेन इन दोनों का इस्तेमाल करती है। और इस बात को का फैसला करती है। कि किस बात को पब्लिक ब्लॉकचेन रखना है और किसी प्राइवेट। इसके उदाहरण Dragonchain हैं।

Blockchain Technology के क्या क्या फायदे हैं?

ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी Blockchain Technology के बहुत सारे फायदे हैं जो निम्नलिखित है

  • यह एक ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी है।
  • इसे हैक करना लगभग नामुमकिन है।
  • सिक्योरिटी सिस्टम कॉफी नेक्स्ट लेवल का है।
  • सारी गतिविधियों को एक क्लिक में जान सकते हैं।
  • किसी भी प्रकार का लेनदेन की प्रक्रिया को मिनटों में सुलझा देता है।
  • इसमें थर्ड पार्टी की कोई आवश्यकता नहीं है।

Blockchain Technology के क्या क्या नुकसान है?

हम सभी को पता है जहां फायदा होता है नुकसान भी वहीं से उठाना पड़ता है। इसलिए Blockchain Technology के कुछ नुकसान भी है जो इस प्रकार है

  • इस नेटवर्क का उपयोग करने के लिए आपको अच्छी खासी फीस देनी पड़ती है।
  • जैसे-जैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में लोग जान रहे हैं इसके उपयोग करता उतनी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं इस वजह से इसमें बहुत सारी समस्याएं भी आ रही है।
  • इसके स्पीड में कमी देखने को मिली है।
  • इसका इस्तेमाल करने के लिए हाई पावर की जरूरत पड़ती है।
  • 1 साल में जितनी बिजली की खपत नीदरलैंड जैसे देश करता है। उससे कहीं ज्यादा बिजली की खपत बिटकॉइन अकेले करता है।
  • अगर आपने अपना बिटकॉइन गलती से किसी को भेज दिया। तो फिर दोबारा वापस नहीं आएगा।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Blockchain Technology के संस्थापक कौन है?

Blockchain Technology के संस्थापक प्रसिद्ध क्रिप्टोग्राफर डेविड चाम ( David Chaum) हैं।

Blockchain Technology की शुरुआत किस वर्ष हुई थी?

Blockchain Technology की शुरुआत वर्ष 1984 में किया गया था लेकिन इसे पहचान 2009 में मिली।

ब्लाकचैन टेक्नोलॉजी Blockchain Technology क्या है?

Blockchain Technology एक प्रकार का नेटवर्क है जो क्रिप्टो करेंसी को कंट्रोल करने के लिए उपयोग किया जाता है। 

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी (Blockchain Technology) कितने प्रकार का होता है?

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं 
Public Blockchain
Private Blockchain
Hybrid Blockchain

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