मोदी में पीएम बनने की क्षमता थी ही नहीं, ये तो केवल ब्रांडिंग के जरिये किया गया: तोगड़िया

राम मंदिर मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से सुनवाई होगी। मंदिर निर्माण को लेकर हिंदू संतों की बैठक पांच अक्टूबर से दिल्ली में होने वाली है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद् के अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया से अमर उजाला संवाददाता अमित शर्मा ने मुलाकात की। तोगड़िया ने मंदिर और उससे जुड़े प्रमुख मुद्दों पर विस्तार से अपना पक्ष रखा।

भाजपा अब कानून के जरिये मंदिर निर्माण की बात कर रही है। लेकिन आपका पक्ष बिलकुल अलग है? 

सन 1984 में जब लोकसभा में भाजपा की केवल दो सीटें थीं, तब उन्होंने राम मंदिर बनाने के लिए कोर्ट का आदेश मानने की बात क्यों नहीं की थी। तब तो यही कहा था कि सोमनाथ की तर्ज पर लोकसभा में कानून बनाकर मंदिर का निर्माण होगा। कानून बनाने के लिए केंद्र में सरकार बनानी होगी। सरकार बनाने के लिए आंदोलन करना होगा। मेरा, भागवत जी और खुद नरेंद्र भाई मोदी जी का भी यही पक्ष था। खुद नरेंद्र भाई मोदी ने आडवाणी जी की रथयात्रा की कमान संभाली थी। फिर आज जब वे सत्ता में हैं, तब अपनी पुरानी बात से कैसे मुकर सकते हैं। क्या यह हिंदू जनता के साथ विश्वासघात नहीं है।

आपको क्या लगता है, मोदी सरकार राम मंदिर पर कानून क्यों नहीं बनाना चाहती?

सिर्फ दुनिया के सामने अपनी छवि बनाने के लिए वे ये समझौता कर रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि उन्हें प्रधानमंत्री हिंदू जनता ने बनाया है, अमेरिका और यूरोप ने नहीं।

कभी आपने मंदिर बनाने के लिए कानून बनाने की बात पीएम या संघ से की?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से तो नहीं, लेकिन मोहन भागवत जी से मैंने बात की थी। उन्होंने कहा थोड़ा धैर्य रखो। हमने दो साल इंतजार किया। लेकिन लगभग साल भर पहले पूरी तरह इंकार कर दिया कि कानून की बात भूल जाओ। सब बदल गये हैं पर मैं नहीं बदला, तो मुझे ही बदल दिया गया।

दिल्ली में संतों की धर्मसंसद आयोजित होने वाली है। क्या कहेंगे?

पहली धर्मसंसद 1984 में इसी दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित हुई थी। तब से लेकर आज तक संतों ने संसद में कानून के जरिये राममंदिर बनाने की बात की है। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे आज भी यही फैसला लेंगे।

आप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं?

क्षमता थी ही नहीं, ये तो केवल ब्रांडिंग के जरिये छवि बनाई गयी। मौका सामने आया तो सच्चाई सामने आ गयी। कोई सच्चाई बयान न कर दे, उसके लिए न्यूज चैनलों के सिग्नल ब्लॉक किये जा रहे हैं। ये कैसा लोकतंत्र है। इमरजेंसी तो छोटी चीज थी, ये इमरजेंसी से ज्यादा खतरनाक है। आखिर वे क्या छिपाना चाहते हैं?

कहा जाता है कि आप व्यक्तिगत कारणों से मोदी जी का विरोध कर रहे हैं?

यहां कुछ भी व्यक्तिगत नहीं है। मेरा सिर्फ यही कहना है, आपने जो वायदा किया था, उसे पूरा कीजिए। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं चाहिए। समय के साथ विचारधारा में परिवर्तन की बात सुनी थी, सत्ता के साथ विचारधारा बदलते हुए पहली बार देखा। अगर तीन तलाक पर कानून बन सकता है तो राम मंदिर का कानून क्यों नहीं बन सकता।

पीएम मोदी के कार्यकाल को आप किस तरह से देखते हैं?

मोदी सरकार ने अपना हर एक वायदा तोड़ा है। किसानों को डेढ़ गुना फसल का लाभ देने का वादा किया, लेकिन पूरा नहीं किया। उलटे पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाकर किसानी की हत्या हो रही है। छात्रों से दो करोड़ नौकरियों का वायदा किया, उन्हें बेरोजगारी और पकौड़ा बेचने की सलाह मिली। 24 लाख पद खाली पड़े हैं। सरकार उनकी भर्ती क्यों नहीं करती। व्यापारियों से व्यापार का वायदा किया था, नोटबंदी और जीएसटी के जरिये व्यापार की कमर तोड़ दी।

छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने की बात की थी, वालमार्ट और अमेजन को बुलाकर छोटे व्यापारियों के पेट पर लात मार दी। छह करोड़ छोटे दुकानदार बर्बाद हो गये। पकिस्तान को घुटने तक लाने की बात थी, आज दो हजार जवानों की मौत हो चुकी है। सेना पर पत्थर मरने वालों के केस वापस ले लिए गये। शहीदों के सम्मान की भी चिंता उन्हें नहीं है। कोई एक भी क्षेत्र आप नहीं बता सकते जिसमें मोदी सरकार पास हुई हो।

राफेल डील पर सरकार के ऊपर सवाल उठ रहे हैं। आप क्या मानते हैं?

देश की अनुभवी कंपनी को छोड़ सिर्फ आठ दिन पहले बनी कंपनी को एक महत्वपूर्ण ठेका कैसे मिल गया। विमान की कीमत 570 करोड़ से 1600 करोड़ तक कैसे पहुंच गई। ये गंभीर सवाल हैं जिनका जवाब सरकार के पास नहीं है।

अगर सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने को तैयार नहीं होती, तो साल 2019 के चुनाव में आपकी भूमिका क्या होगी?

2019 तक राह कौन देखने वाला है। उसके पहले ही सब तय हो जाएगा।

 

Credit & Source : AmarUjala

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