कश्मीर मसले पर भारत को रूस का साथ मिला है. रूसी राजनयिक निकोले कुदाशेव ने बुधवार को कहा कि अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार का संप्रभु निर्णय है. यह भारत का आंतरिक मामला है. कश्मीर मसले को भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला और लाहौर समझौते के तहत हल किया जा सकता है. हमारे विचार बिल्कुल भारत जैसे ही हैं.
Russian Envoy to India, Nikolay Kudashev on #Article370: This is the sovereign decision of Indian government, it’s an internal matter of India. All issues existing between India & Pakistan should be resolved through dialogue on the basis of Shimla agreement & Lahore declaration. pic.twitter.com/Cd9gip1o8d
— ANI (@ANI) August 28, 2019
इसके साथ ही भारत में रूसी दूतावास के उप प्रमुख रोमन बाबूसकिन ने भी कहा कि रूस की भारत-पाकिस्तान विवाद में कोई भूमिका नहीं है, जब तक कि दोनों देश मध्यस्थता के लिए नहीं कहते. उन्होंने कहा, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बंद दरवाजे की बैठक के दौरान हमने दोहराया कि कश्मीर भारत का एक आंतरिक मुद्दा है.
Roman Babushkin, Deputy Chief of Russian Embassy in India: Russia has no role to play in India-Pakistan dispute, unless both ask for mediation. During the closed-door event at the United Nations Security Council (UNSC), we reiterated that Kashmir is an internal issue of India. pic.twitter.com/MOwpN9HCKS
— ANI (@ANI) August 28, 2019
रोमन बाबूसकिन ने कहा कि ‘नॉट फर्स्ट यूज (NFU)’ एटमी पॉलिसी भारत का एक घरेलू मामला है. हमें इस बारे में देखना और इंतजार करना होगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सिंह का बयान कश्मीर में घटनाओं के बाद आया है. दोनों तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है. आशा है कि इसमें आगे कोई वृद्धि नहीं होगी.
भारत और पाकिस्तान के एटमी हथियार के बारे में रोमन बाबूसकिन ने कहा कि ‘यह चिंता का विषय है. भारत और पाकिस्तान गैर-आधिकारिक एटमी पावर हैं. ऐसे में तनाव का बढ़ना चिंता की बात है. भारत इस मामले में एक जिम्मेदार देश है जो नो-फर्स्ट यूज पॉलिसी से जुड़ा है.’