पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर भारत सरकार ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, 27 दिसंबर को सारे सरकारी समारोहों को रद्द कर दिया गया है. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
शनिवार को अंतिम संस्कार के दिन विदेशों में भारत के दूतावासों और उच्चायोगों में भी राष्ट्रीय झंडे को झुका दिया जाएगा.
केरल की सरकार ने भी राज्य में 26 दिसंबर से एक जनवरी तक सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है. राज्य सरकार ने सभी ज़िलाधिकारियों को आदेश जारी कर राष्ट्रीय झंडा झुकाने का निर्दश दिया है.
कर्नाटक सरकार ने भी सात दिन के राजकीय शोक और 27 दिसंबर को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है.
भारत के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, नेता प्रतिपक्ष समेत तमाम नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है. अंतिम संस्कार शनिवार को किया जाएगा.
मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गाँव में हुआ था.
पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री ली और फिर ऑक्सफोर्ड से पीएचडी की पढ़ाई की.
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिका ने शोक जताया है.

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया है, “संयुक्त राज्य अमेरिका पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर भारत के लोगों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है.”
“डॉ. सिंह अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी के बड़े समर्थकों में एक थे और पिछले दो दशकों में दोनों देशों ने मिलकर जो कुछ हासिल किया है, यह उनके कामों की बदौलत है.”
ब्लिंकन ने कहा, “अमेरिका-भारत के नागरिक परमाणु समझौते को आगे बढ़ाने में उनके नेतृत्व ने अमेरिका और भारत के बीच संबंधों की क्षमता में बड़े निवेश के द्वार खोले. घरेलू स्तर पर डॉ. सिंह को उनके आर्थिक सुधारों के लिए याद किया जाएगा, जिन्होंने भारत की तेज़ आर्थिक विकास को रफ़्तार दी.”
बयान में मनमोहन सिंह को अमेरिका और भारत को क़रीब लाने का श्रेय देते हुए कहा गया है, “डॉ. सिंह के निधन पर हम शोक व्यक्त करते हैं और भारत और अमेरिका को क़रीब लाने में उनकी प्रतिबद्धता को हमेशा याद रखेंगे.”