गणतंत्र दिवस के मौके पर लंदन स्थित भारतीय दूतावास के बाहर हजारों की संख्या में लोग इकट्ठा होने वाले थे, लेकिन आखिर में यह संख्या सैकड़ों पर आकर रुक गई. दरअसल पिछले कुछ दिनों से एक मैसेज फैलाया जा रहा था. मैसेज में लोगों को इकट्ठा कर भारत के संविधान की कॉपी को जलाने का प्लान बनाया गया था.
हालांकि ऐसा कुछ नहीं हो पाया. क्योंकि आजाद कश्मीर का समर्थन करने वाले पाकिस्तानी नागरिक भी भारत के संविधान का आदर करते हैं और मानते हैं कि किसी को भी किसी देश के संविधान जलाने का अधिकार नहीं है.
ब्रिटेन सरकार ने की मदद
हालांकि भारतीय उच्चायोग को इस बात की जानकारी पहले ही लग गई थी. जिसके बाद उन्होंने ब्रिटेन सरकार के सामने अपनी चिंता रखते हुए उनसे उच्चयोग और कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग की थी. इसी के मद्देनजर भारतीय दूतावास के बाहर सामन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा पुलिस की तैनाती की गई थी. शुरुआत में वहां पर प्रदर्शनकारियों से ज्यादा पुलिस इकट्ठा थी.
दोनों रास्ते पर बैरिकेड्स
इसके अलावा प्रदर्शन के स्थान में भी बदलाव किया गया था. प्रदर्शनकारी, भारतीय दूतावास के उल्टे साइड में जमा हुए थे, जहां पर पहले से बैरिकेड्स लगाए गए थे. पुलिस ने हालात को भांपते हुए बाद में सामने भी बैरिकेड्स लगा दिए.
नतीजा यह हुआ कि भारतीय दूतावास के बाहर (सामने और पीछे दोनों रास्ते) लोगों के आने जाने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी. मीडिया के आने पर भी रोक लगा दी गई थी. जिससे कि इस तरह का कोई प्रदर्शन वहां पर आयोजित नहीं किया जा सके.