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अफगानिस्तान में भारतीय मिशनों पर कार बमों से हमले कराने की फिराक में ISI

पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) अफगानिस्तान स्थित भारतीय मिशनों पर हमले कराने की फिराक में है. इन हमलों को विस्फोटकों से भरी कार को आत्मघाती हमलावर के जरिए अंजाम दिया जा सकता है. हालिया एक इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, ISI इसके लिए ‘लश्कर-ए-तैयबा’ और ‘इस्लामिक स्टेट’ (ISIS) जैसे आतंकी संगठनों से मिल कर साजिश रच रही है.

‘इस्लामिक स्टेट इन खुरासान प्रांत’(ISKP) अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट की यूनिट है और अफगानिस्तान-पाकिस्तान इलाके में सक्रिय है. बताया जा रहा है कि उसने भारत से आए कुछ लोगों की भर्ती भी की है. अफगानिस्तान में भारतीय मिशनों पर हमलों के लिए ISKP और लश्कर-ए-तैयबा आपसी संपर्क में हैं. इंटेलीजेंस रिपोर्ट के मुताबिक, लाहौर का मूल निवासी सैफुल्लाह लश्कर और ISKP के बीच कड़ी का काम कर रहा है. काबुल में ISKP कमांडर मतीन मौविया को भारतीय मिशनों पर हमलों को अंजाम देने के लिए कहा गया है.  

हमलवारों को दी जा रही ट्रेनिंग

इनपुट्स के मुताबिक, पांच आत्मघाती हमलावरों को ट्रेनिंग दी जा रही है. पिछले साल 40 सीआरपीएफ जवान पुलवामा आत्मघाती हमले में शहीद हो गए थे. तब विस्फोटकों से भरी एक कार को आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ जवानों को ले कर जा रहे वाहन से भिड़ा दिया था.

अफगानिस्तान में आतंकियों के निशाने पर काबुल स्थित भारतीय दूतावास के अलावा जलालाबाद और हेरात में भारतीय कौंसुलेट हैं. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि अफगानिस्तान में निर्माण कार्यों में लगे भारतीय लोगों को भी निशाना बनाए जाने का खतरा है.

2008 में काबुल में भारतीय दूतावास के बाहर आत्मघाती हमलावर ने कार बम से विस्फोट किया था. इस हमले में 40 लोग मारे गए थे. उसके बाद भी कई बार अफगानिस्तान में भारतीय मिशनों को निशाना बनाया जा चुका है.



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