नरसिंहपुर – माँ नर्मदा को बचाने के लिये 32 साल से आंदोलन के माध्यम से जनजागरण और संघर्ष कर रही नर्मदा बचाओ आंदोलन की प्रमुख नेत्री मेधा पाटकर का आज नरसिंहपुर जिले की तहसील गोटेगांव के नर्मदा तट झांसीघाट में आगमन हुआ और उन्होंने भरूच से लेकर अमरकंटक तक नर्मदा को बचाने के जनजागरण आंदोलन को लेकर नर्मदा जनसंवाद कार्यक्रम का आयोजन झांसीघाट तट पर ही आयोजित किया जिसमें आसपास के नर्मदा तटीय गांवों के निवासियों सहित टुडे एनर्जी पावर प्लांट में अपनी जमीनें दे चुके विस्थापित किसान भी उपस्थित रहे ।
मेधा पाटकर ने झाँसीघाट पहुंचकर सबसे पहले माँ नर्मदा का पूजन अर्चन किया । नर्मदा जनसंवाद के दौरान अपने उद्धबोधन में मेधा पाटकर ने राजनीतिक लोगों द्वारा की जा नर्मदा यात्राओं को हवा हवाई बताया और कहा कि इन यात्राओं से न अवैध खनन रुका और न ही नर्मदा तटों पर शराब की बिक्री बन्द हुई । उन्होंने कहा कि जब मां बीमार हो तो उसके इलाज की जरूरत होती है आज माँ नर्मदा के साथ भी यही कुछ है और ऐसे में लोग मां के इलाज की बजाय माँ की पूजा कर रहे हैं रेत खनन से नदी समाप्त होती है और आप लोग अगर रेत माफियाओं को नहीं पहचाने तो माँ नर्मदा को नहीं बचा सकते और जो लोग पेड़ लगाकर नर्मदा बचाने की बात करते हैं वह लोग ही उसे सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं । इस जनसंवाद को राजकुमार सिन्हा, जयंत वर्मा,राजेश तिवारी जो नर्मदा आंदोलन से जुड़े हैं उन्होंने ने भी संबोधित किया , स्थानीय किसानों की समस्याओं व टुडे एनर्जी पावर प्लांट से प्रभावित ग्रामीणों की बात आयोध्या प्रसाद दुबे,उमेद पटैल और पोहप सिंह पटैल ने अपने उद्धबोधन में कहीं । जनसंवाद के इस कार्यक्रम के दौरान आगामी समय मे नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यक्रम की रूपरेखा पर भी ग्रामीणों से चर्चा हुई व इस जनजागरण अभियान में उपस्थित जनों के द्वारा सहभागिता का संकल्प भी लिया ।