जैन मुनि तरुण सागर की अंतिम यात्रा,

51 वर्षीय प्रसिद्ध जैन मुनि तरुण सागर जी का आज(1 सितंबर) तड़के दिल्ली के शाहदरा के कृष्णा नगर में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वो पिछले कई दिनों से पीलिया की बीमारी से ग्रसित थे, और उन्हें इलाजे के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

अस्पताल में भर्ती जैन मुनी पर दवाओं ने भी काम करना बंद कर दिया था और उन्होंने भी अपना इलाज कराने से मना कर दिया था। आज तड़के करीब 3:11 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली।

उनकी अंतिम यात्रा आज दिल्ली के राधे पूरी से निकाली गयी। उनका अंतिम संस्कार गाजियाबाद के बसंतपुर सैतली गांव में स्थित तरुणसागरम तीर्थ में होना है।

jain muni tarun sagar

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जैन मुनि का जन्म सन 1967 में मध्य प्रदेश में हुआ था। उनकी मां का नाम शांतिबाई और पिता का नाम प्रताप चंद्र था। सन 1981 में ही उन्होंने अपना घर त्याग छत्तीसगढ़ में दीक्षा ली थी।

तरुण मुनि अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहते थे। उनके निधन से न सिर्फ जैन धर्म के लोगों में दुःख है, बल्कि ये समस्त देश की क्षति है।

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