गडकरी को आया फोन- मैं अमित शाह का निजी सचिव बोल रहा हूँ: शातिर ठगों के कारनामे

मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) के इंदौर (indore) शहर में पुलिस ने अभिषेक द्विवेदी नाम के एक ऐसे शातिर ठग (thug) को हिरासत में लिया है, जो खुद को गृहमंत्री अमित शाह (amit shah) का पीए बता रहा था. इस ठग ने आरटीओ अफसरों के तबादले के लिए खुद को गृहमंत्री अमित शाह का पीए बताकर परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (nitin gadkari) को फोन लगाया था. शंका होने पर दिल्ली क्राइम ब्रांच (crime branch) को शिकायत मिली तो मामले का खुलासा हुआ.दिल्ली क्राइम ब्रांच ने तकनीकी इनपुट का सहारा लिया और जांच शुरू की.आरोपी की लोकेशन इंदौर के ग्वालटोली इलाके में मिली तो दिल्ली पुलिस ने इंदौर पुलिस से सम्पर्क किया,इंदौर पुलिस हरकत में आई और आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी.

बिहार कैडर के आईएएस हैं निजी सचिव


2009 बैच के आईएएस अफसर साकेत कुमार फिलहाल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निजी सचिव हैं. साकेत कुमार इससे पूर्व मनोज सिन्हा के निजी सचिव भी रह चुके हैं. आरोपित अभिषेक द्विवेदी ने साकेत कुमार के ही नाम का इस्तेमाल कर केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को फोन लगाया और दो आरटीओ अधिकारियों के ट्रांसफर के लिए उनसे बेधड़क बोल दिया. चूंकि प्रदेश में परिवहन का मामला प्रदेश सरकार के हाथ में ही होता है, लिहाजा मंत्री गडकरी को आशंका हुई कि तबादले के लिए उनके पास तक फोन आना उचित नहीं है. इस पर उनके दफ्तर से क्राइम ब्रांच को शिकायत की गई तब जाकर मामले की तफ्तीश शुरू हुई.

ऐसे पहुंची पुलिस

दिल्ली क्राइम ब्रांच ने प्रकरण दर्ज कर आरोपित की तलाश शुरू की. तो उसकी लोकेशन इंदौर ट्रेस हुई, दिल्ली क्राइम ब्रांच को आशंका थी कि वह जब तक उसकी टीम इंदौर पहुंचेगी तब तक आरोपी कहीं और भाग सकता है. लिहाजा दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीएसपी ने इंदौर डीआईजी से सम्पर्क कर ऑपरेशन में सहयोग मांगा. इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्र ने क्राइम ब्रांच को निर्देश दिए और आरोपी को तत्काल हिरासत में लेकर उससे पूछताछ शुरू कर दी गई.

दिल्ली पुलिस करेगी ख़ुलासा


बहरहाल इंदौर पुलिस ने आरोपी को दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है. दिल्ली पुलिस ही आरोपी से इस मामले में विस्तृत पूछताछ करेगी, तब जाकर मामले का खुलासा होगा कि आखिर मंत्री को फोन लगाने के पीछे इसकी क्या मंशा थी. इसके साथ ही यह भी तस्दीक की जाएगी की आखिर इसका और भी कोई सहयोगी है क्या ? खैर तमाम बिन्दुओं पर अब पड़ताल होगी.

पुलिस का बयान


इंदौर डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा के मुताबिक चूंकि मामला दिल्ली का है,यहां कोई प्रकरण दर्ज नहीं है, दिल्ली पुलिस की तरफ से मिले कुछ इनपुट पर सहयोग किया गया था. इस प्रकरण में अधिक जानकारी दिल्ली पुलिस के पास ही होगी.

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