न्यूयॉर्क: संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने न्यूयॉर्क के एक जिला न्यायालय को सूचित किया है कि भारत ने अभी तक अडानी समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी को कथित $265 मिलियन की रिश्वत और धोखाधड़ी के मामले में समन नहीं भेजा है। यह जानकारी द न्यूज़ मिनट की मंगलवार की एक रिपोर्ट में सामने आई है।

SEC के अनुसार, यह मामला अडानी समूह से जुड़ी एक बड़ी जांच का हिस्सा है, जिसमें कंपनी पर विभिन्न अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। आयोग ने अदालत को बताया कि समन भेजने की प्रक्रिया में अभी भी देरी हो रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, SEC का यह खुलासा एक ऐसे समय में आया है जब अडानी समूह पहले से ही हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट के बाद से जांच के घेरे में है, जिसमें कंपनी पर स्टॉक हेरफेर और लेखांकन धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अडानी समूह ने इन सभी आरोपों का खंडन किया है।
गौतम अडानी, जो कभी दुनिया के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे, को इस खुलासे के बाद और अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। सागर अडानी भी समूह के महत्वपूर्ण पदों पर हैं और इस मामले में उनका नाम आने से कंपनी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारत सरकार या संबंधित एजेंसियां समन भेजने में क्यों देरी कर रही हैं। इस मामले पर अडानी समूह की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
यह घटनाक्रम भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच कानूनी सहयोग और अडानी समूह की भविष्य की कार्रवाइयों पर सवाल खड़े करता है। निवेशकों और विश्लेषकों की निगाहें अब इस मामले के आगे बढ़ने पर टिकी हुई हैं।