दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को भी राहत मिली है. आप के 20 विधायकों के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला खत्म हो जाएगा.
चुनाव आयोग ने 20 जनवरी 2018 को आप के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था, लेकिन हाई कोर्ट ने 23 मार्च को चुनाव आयोग के आदेश को रद्द कर दिया था. चुनाव आयोग ने अदालत से कहा था कि वह इस मामले की सुनवाई अलग-अलग करे.
छठी विधानसभा फरवरी में अपना कार्यकाल समाप्त कर रही है और 8 फरवरी को सातवें विधानसभा के लिए वोट डाले जाएंगे. इसके कारण यह मामले अपने आप ही रद्द होता है.
हाई कोर्ट ने बहाल की थी विधायकों की सदस्यता
हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग की ओर से लाभ के पद मामले में अयोग्य ठहराए गए 20 विधायकों की सदस्यता बहाल कर दी थी. इसके साथ ही चुनाव आयोग को फिर से यह केस शुरू करने का निर्देश दिया था.
कोर्ट में चुनाव आयोग और विधायकों ने इस मामले में 28 फरवरी 2018 को अपनी बहस पूरी की थी. शुरुआत में लाभ के पद के मामले में आप पार्टी के 21 विधायक शामिल थे, लेकिन राजौरी गार्डन के विधायक जरनैल सिंह के पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए इस्तीफा देने से विधायकों की संख्या 20 हो गई थी.
दिल्ली और आम आदमी पार्टी के लिए यह फैसला बेहद खास साबित हुआ था क्योंकि अगर उनकी सदस्यता जाती तो खाली हुए इन जगहों पर उपचुनाव की स्थिति बन जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इन विधायकों पर चल रहा था मामला
आम आदमी पार्टी के विधायक प्रवीण कुमार, शरद कुमार, आदर्श शास्त्री, मदन लाल, चरण गोयल, सरिता सिंह, नरेश यादव, जरनैल सिंह, राजेश गुप्ता, अलका लांबा, नितिन त्यागी, संजीव झा, कैलाश गहलोत, विजेंद्र गर्ग, राजेश ऋषि, अनिल कुमार वाजपेयी, सोमदत्त, सुलबीर सिंह डाला, मनोज कुमार और अवतार सिंह पर लाभ के पद का मामला चल रहा था.