Site icon Oyspa Blog

तेजी से बढ़ रही है कोयले की कीमत ; हालात कब तक सुधरने की उम्मीद ?

coal-crisis-in-india

coal-crisis-in-india

भारत के अलावा चीन में भी कोयले का संकट बढ़ता जा रहा है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि इंडोनेशियाई कोयले की कीमत बढ़ती जा रही है. एक साल में इंडोनेशियाई कोयला 439% महंगा हो चुका है.

देश में इस वक्त कोयले का संकट (Coal Crisis) जारी है. जिन बिजली घरों में पहले 17-17 दिन का कोयले का स्टॉक हुआ करता था, वहां अब महज 4-5 दिन का स्टॉक ही बचा है. जबकि, आधे से ज्यादा पावर प्लांट में तो एक या दो दिन का स्टॉक ही है. ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, विदेश से आने वाले कोयले की कीमत बढ़ने से इसकी सप्लाई कम हुई है और घरेलू कोयले पर निर्भरता बढ़ी है. नतीजतन, कोयले की कमी देखने को मिल रही है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, एशिया में थर्मल कोयलएशिया में थर्मल कोयले की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं, जिससे चीन और भारत में कोयले का संकट खड़ा हो गया है. चीन के बाद भारत कोयले का सबसे इस्तेमाल करता है.

तेजी से बढ़ रही है कोयले की कीमत…

रॉयटर्स ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया का हाई ग्रेड थर्मल कोयले की कीमत 8 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में 229 डॉलर प्रति टन पहुंच गई, जबकि इस साल 30 अप्रैल को इसकी कीमत 88.52 डॉलर प्रति टन थी. इसी तरह जापान और दक्षिण कोरियाई कोयले की कीमतें भी पिछले साल के सितंबर की तुलना में इस साल 400% से ज्यादा बढ़ गई है. वहीं, इंडोनेशियाई कोयला जो 2020 में अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 22.65 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया था, उसकी कीमत 439% बढ़कर 8 अक्टूबर को 122.08 डॉलर प्रति टन हो गई.

Coal Crisis
Exit mobile version