भारत बुधवार को ए-सैट परीक्षण करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इस परीक्षण को मिशन शक्ति के तहत पूरा किया गया। इससे पहले केवल दुनिया के तीन ही देश ऐसे थे जो ए-सैट परीक्षण कर चुके हैं। ये देश अमेरिका, चीन और रूस हैं। भारत के इस परीक्षण से उसकी शक्ति अंतरिक्ष के मामले में काफी बढ़ गई है। यही वजह है कि भारत की इस बड़ी उपलब्धि से चीन और पाकिस्तान भी नाखुश हैं।
अब अमेरिका ने भी भारत के इस परीक्षण को लेकर चेतावनी दी है। अमेरिका के कार्यवाहक रक्षा सचिव पैट्रिक शानहान ने उन देशों को चेतावनी दी है जो अंतरिक्ष में ए-सैट परीक्षण करने का विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष में कुछ भी गलत ना करें। हालांकि उन्होंने इस बात को बोलते हुए भारत का नाम नहीं लिया। उनका कहना है कि इससे अंतरिक्ष में मलबा फैल सकता है।
शानहान के इस बयान के बाद अमेरिका के विदेश विभाग का बयान आया। विभाग का कहना है, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एंटी-सैटेलाइट परीक्षण को लेकर दिए बयान को हमने देखा है। भारत के साथ हमारी मजबूत रणनीतिक साझेदारी के रूप में, हम अंतरिक्ष, विज्ञान और तकनीक में साझा हित रखते हैं। जिसमें अंतरिक्ष की सुरक्षा में सहयोग भी शामिल है।”
विभाग ने आगे कहा, “अंतरिक्ष में मलबा अमेरिकी सरकार के लिए महत्वपूर्ण चिंता है। हमने भारत सरकार के बयानों पर ध्यान दिया कि परीक्षण अंतरिक्ष में मलबे को ध्यान में रखते हुए किया गया है।”
US State Department on "Mission Shakti": The issue of space debris is an important concern for the United States government. We took note of Indian government statements that the test was designed to address space debris issues. https://t.co/P8rCduovdG
— ANI (@ANI) March 28, 2019