राज्यसभा सदस्य और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का निधन !

भारतीय राजनीति में अमर सिंह किसी परिचय के मोहताज नहीं रहे। अक्सर शेरो शायरी के लहज़े में अपनी बात रखने वाले अमर सिंह ने उत्तर प्रदेश से अपना सियासी सफर शुरू किया।
कभी मुलायम सिंह के दाहिने हाथ माने जाते थे। भले ही बाद में वह समाजवादियों के ‘जानी दुश्मन’ बन बैठे। भाजपा से बढ़ती नजदीकियां उनके राजनैतिक भविष्य की ओर भी इशारा कर रही थीं। जानिए उनके बारे में ये खास बातें-

कहा जाता है कि साल 1996 में फ्लाइट के दौरान अमर सिंह की तत्कालीन रक्षामंत्री मुलायम सिंह से मुलाकात हुई जिसके बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश लिया था। हालांकि, इससे पहले भी वह मुलायम सिंह से मिल चुके थे लेकिन इसके बाद ही मुलायम सिंह ने उन्हें पार्टी का महासचिव बनाने का फैसला किया।

समाजवादी पार्टी से राज्यसभा के सांसद चुने गए अमर सिंह को कथित रूप से पारिवारिक विवाद के बाद समाजवादी पार्टी से निकाल दिया गया। कहा जाता है कि उनको पार्टी से निकाले जाने में आजम खान और अखिलेश यादव की प्रमुख भूमिका रही।

हालांकि साल 2010 में मुलायम सिंह भी इनको पार्टी से निकाल चुके हैं जिसके बाद इन्होंने राजनैतिक जीवन से कुछ समय के लिए संन्यास भी ले लिया था। लेकिन साल 2016 में इनकी फिर से समाजवादी पार्टी में वापसी हुई।

अमर सिंह के बारे में यह कहा जाता है कि वह राजनीति, फिल्म और बिजनेस का कॉकटेल थे। समाजवादी पार्टी में रहते उन्होंने इसे सिद्ध भी किया। कई बार ऐसे मौके आए जब पार्टी को उन्होंने अपने राजनैतिक समझदारी से परेशानी से उबारा। जया बच्चन को राजनीति में लाने का काम अमर सिंह ने ही किया था लेकिन पार्टी से निष्कासन के समय बच्चन परिवार से इनकी दूरियां बढ़ गईं जो अंत तक भी बनी हुई थी। कहा यह भी जाता है कि अमिताभ बच्चन के बुरे वक्त में अमर सिहं ने उनका साथ खूब निभाया था। हालाँकि अमर सिंह ने कुछ समय पूर्व ही अमिताभ बच्चन से पूरे घटनाक्रम पर माफ़ी भी मांगी थी।

मुलायम परिवार को तोड़ने का लगा आरोप

साल 2016 में ही अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच पार्टी को लेकर चल रही खींचतान के बीच एक रामगोपाल ने जिस कथित ‘बाहरी व्यक्ति’ को बार-बार जिम्मेदार बताया वह कोई और नहीं बल्कि अमर सिंह ही थे। हालांकि इस विवाद से मुलायम ने खुद को दूर रखा और अमर सिंह को फिर से पार्टी से निकाल दिया गया। उस समय अमर सिंह पर यह भी आरोप लगे थे कि उन्होंने मुलायम और अखिलेश को शाहजहां और औरंगजेब के रूप में प्रचारित कराया।

अंबानी परिवार में विभाजन

साल 2002 में धीरूभाई अंबानी का निधन हो गया। हालांकि उस समय धीरुभाई अंबानी ने 80 हजार करोड़ का टर्नओवर करने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के बटवारे को लेकर कोई वसीयत नहीं लिखी थी जिसके बाद मुकेश और अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हो गया। अनिल अंबानी ने इस मामले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मदद की अपील की थी।

अनिल अंबानी अपने मित्र अमर सिंह के कारण तत्कालीन सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के करीबी भी रहे। हालांकि इस वजह से मुकेश अंबानी अपने छोटे भाई से नाराज भी हुए थे जिससे उनके बीच की दूरी और बढ़ गई थी। बाद में समाजवादी पार्टी ने अनिल अंबानी को राज्यसभा की सीट भी ऑफर की थी लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था।

अमर सिंह ने हिन्दी फ़िल्म हमारा दिल आपके पास है में गेस्ट रोल किया।

नोट फार वोट के दौरान भी उछला नाम

अमर सिंह का नाम यूपीए 1 के समय अमेरिका के साथ प्रस्तावित परमाणु समझौते को लेकर भाजपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में सांसदों को कथित रूप से घूस देने के मामले में भी आया। जब फग्गन सिंह कुलस्ते, महावीर भगौरा और एक और सांसद ने संसद में नोटों के बंडल लहराए थे हालांकि बाद में वह इन आरोपों से बरी हो गए।

अपनी अलग पार्टी भी बनाई

अमर सिंह ने राष्ट्रीय लोकमंच नाम से पार्टी भी बनाई और प्रदेश में चुनाव भी लड़ा। लेकिन पार्टी को एक भी सीट पर सफलता नहीं मिली।

अपने एक दीर्घ उथल पुथल भरे राजनैतिक सफर में अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर रहे अमर सिंह अनेकों केंद्रीय समितियों के सदस्य रहे और विभिन्न सरकारों में उनका अच्छा खासा दख़ल रहा।

भाजपा और मोदी सरकार की ओर झुकाव होने के बाद उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को दान कर देने की घोषणा तक कर दी थी।

अंततः राज्यसभा सदस्य और पूर्व समाजवादी पार्टी नेता अमर सिंह का 64 साल की आयु में शनिवार की दोपहर बाद निधन हो गया। अमर सिंह काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और करीब छह महीने से उनका सिंगापुर में इलाज किया जा रहा था। हाल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में बताया गया था कि वह आईसीयू में थे और उनका परिवार वहां पर था। इससे पहले, साल 2013 में अमर सिंह की किडनी खराब हो गई थी।

इससे पहले, आज उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी और सभी फॉलोअर्स को ईद अल अदहा के मौके पर उन्हें बधाई दी। अमर सिंह के प्रोफाइल को देखकर लगता है कि वह बीमार होने के बावजूद सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय थे।

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