Site icon Oyspa Blog

अखिलेश भी कर चुके हैं योगी का ‘रोका’ तो फिर लोकतंत्र की दुहाई कैसे याद आई?

इतिहास खुद को दोहराता है और अगर हाथ में राजदंड है तो फिर मौका मिलने पर दंडित भी कर सकता है. पश्चिम बंगाल में दो मुख्यमंत्रियों के बीच ताकत और वर्चस्व की जंग के बाद यूपी में भी एक मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच सियासी संघर्ष देखा गया. यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने से योगी के संत्रियों ने रोक दिया. अखिलेश यादव का लखनऊ एयरपोर्ट पर योगी सरकार के अधिकारियों ने रास्ता रोक दिया. योगी सरकार के ‘रास्ता रोको फरमान’ से घमासान छिड़ गया. एयरपोर्ट से लेकर विधानसभा तक इसका असर दिखा. लेकिन इसका बड़ा असर विपक्ष की मोदी सरकार के खिलाफ हल्लाबोल की रणनीति में दिखा. एक सुर में विपक्ष ने अखिलेश को प्रयागराज जाने से रोकने की योगी सरकार की कार्रवाई को अलोकतांत्रिक, तानाशाह और लोकतंत्र की हत्या बताया.

दरअसल, अखिलेश को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रों के एक कार्यक्रम में शामिल होना था. लेकिन उन्हें वहां जाने की इजाजत नहीं मिली. अखिलेश अब इसे अघोषित आपातकाल बता रहे हैं. अखिलेश ने योगी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि योगी सरकार सिर्फ ‘ठोकना’ और ‘रोकना’ जानती है.

कहा जाता है कि जो बोया जाए उसे काटने के लिए तैयार रहना चाहिए. राजनीति में ये उदाहरण सबसे ज्यादा देखने को मिलते हैं. खासतौर से बदलती सरकारों के दौर में राजनीति का हिसाब-किताब बराबर करने का मौका कोई नहीं चूकता.

अखिलेश के साथ जो हुआ ठीक वैसा ही गोरखपुर से सांसद रहे योगी आदित्यनाथ के साथ भी 4 साल पहले हो चुका है. यूपी में पूर्व की अखिलेश सरकार ने भी 20 नवंबर 2015 को योगी आदित्यनाथ को इलाहाबाद जाने से रोक दिया था. लेकिन तब अखिलेश के उस ‘रोका’ से लोकतंत्र पर खतरा नहीं मंडराया था और न ही किसी ने अखिलेश के एक्शन को अघोषित आपातकाल या तानाशाही करार दिया था.

खास बात ये है कि अखिलेश को रोके जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी योगी आदित्यनाथ का विरोध किया है. लेकिन ममता बनर्जी का ये विरोध राजनीतिक जुमलेबाजी में लिपटे शब्दों से ज्यादा कुछ नहीं हैं. दरअसल, सीएम योगी को रैली करने से रोकने का ‘बड़ा सियासी काम’ तो कुछ ही दिन पहले ममता बनर्जी अपने सूबे में एलानिया जंग के साथ कर चुकी हैं. उन्होंने तो योगी की एन्ट्री पर ऐसा बैन लगाने की कोशिश की जैसे मानो पश्चिम बंगाल में योगी की रैली से अराजकता और सांप्रदायिकता चरम पर पहुंच जाएगी. ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में सीएम योगी के हेलिकॉप्टर को ही उतरने नहीं दिया. ममता बनर्जी की वजह से योगी आदित्यनाथ का हेलिकॉप्टर न तो लैंड कर सका और न ही वो बांकुरा और पुरुलिया में रैलियां संबोधित कर सके. उन्हें फोन से रैली को संबोधित करना पड़ा

योगी आदित्यनाथ को रोके जाने पर तत्कालीन समाजवादी सरकार ने सफाई दी थी कि योगी पर हिंसा भड़काने और कानून का उल्लंघन करने का आरोप था. ऐसे में उनके आपराधिक स्वभाव की वजह से इलाहाबाद जाने से कानून व्यवस्था बिगड़ती. चार साल बाद अब इसी जवाब से योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश पर पलटवार किया है. योगी ने कहा है कि अखिलेश के जाने से इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा था.

 

Exit mobile version