कमलनाथ या शिवराज किसका होगा मध्यप्रदेश , यह है उपचुनाव का पूरा गणित

kamalnath shivraj

कांग्रेस 28 में से 21 सीटें जीत लेगी तब भी उसे सरकार बनाने के लिए सपा-बसपा और निर्दलियों को साथ लेना पड़ेगा।

भाजपा को सरकार सुरक्षित रखने के लिए 9 सीटों पर जीत जरूरी

मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर मतदान हो गया है। इन सीटों पर 69.68% वोटिंग हुई। 2018 के विधानसभा चुनाव से तुलना करें तो उपचुनाव (72.93%) से 3% कम रहा। ऐसा माना जा रहा था कि कोविड-19 के चलते मतदान कम होगा, लेकिन आंकड़े देखें तो लोगों ने मतदान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। हालांकि, मतदान के आंकड़ों से यह तय नहीं किया जा सकता कि मतदाताओं का रुझान किस तरफ था..? लेकिन, यह साफ है कि कांग्रेस 28 में से 21 सीटें भी जीतती है तो उसे सरकार बनाने के लिए सपा-बसपा और निर्दलीय विधायकों को साथ लेना होगा। जबकि, भाजपा 9 सीटें जीतकर अपनी सत्ता बचा लेगी।

दांव पर ‘सरकार’ : जीत का गणित
विधानसभा की कुल सीटें 230
(दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद एक सीट और रिक्त हो गई है)
अब कुल संख्या: 229
उपचुनाव: 28 सीटें
भाजपा: 107, (बहुमत के लिए 9 सीटें चाहिए)
कांग्रेस: 87 (बहुमत के लिए 28 सीटें चाहिए)

और भाजपा से बड़ी पार्टी बनने के लिए कम से कम 108 सीटें लानी है मतलब यह कि 108 – 87 = 21 सीटें.

भाजपा को 9 और कांग्रेस को 21 सीटों पर जीत की जरूरत
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें है, जिनमें से 28 पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा के पास अभी 107 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 9 सीटों पर जीत की जरूरत है। वहीं कांग्रेस के पास दमोह से विधायक राहुल लोधी के इस्तीफा देने के बाद अब 87 सीटें हैं और बहुमत के लिए उसे 28 सीटों पर जीत की जरूरत है। लेकिन, अगर कांग्रेस मिली जुली सरकार के बनाने की सोचती है तो उसे 21 सीटों पर जीत की जरूरत होगी। बहुमत के आंकड़े से दूर होने पर सात बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों की भूमिका अहम हो जाएगी।

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