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बंगाल-ओडिशा तट के करीब अम्फान तूफान, 200 Km तक हो सकती है रफ्तार

21 साल बाद फिर तूफान से तबाही का खतरा है. बंगाल की खाड़ी में उठे अम्फान तूफान तेजी से ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है. अम्फान का पहला प्रहार पारादीप पर होगा, जहां अभी से तेज अंधड़ के साथ बारिश हो रही है. अम्फान तूफान के दोपहर बाद दीघा तट से टकराने के आसार हैं. करीब 100 किलोमीटर दूर तूफान के केंद्र में करीब 200 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल रही है.

बंगाल की खाड़ी में उठा तूफान अम्फान अब बहुत तेजी से पश्चिम बंगाल के तट की ओर बढ़ रहा है. सुपर साइक्लोन तट के किनारे की ओर जैसे बढ़ता जा रहा है, ऐसे ही खतरनाक होता जा रहा है. तूफान सबसे पहले ओडिशा से पारादीप से टकराएगा. पारादीप में तूफान की आहट दिखने लगी है, जहां तेज हवा के साथ बारिश हो रही है. वहीं, ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है.

चक्रवाती तूफान अम्फान सुंदरबन के करीब से पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटीय इलाके यानी दीघा (पश्चिम बंगाल) और हटिया द्वीप समूह (बांग्लादेश) के बीच से होकर गुजरेगा. तूफान तटीय इलाकों में दोपहर के बाद से दस्तक देगा.

सुरक्षित जगह पर पहुंचे 14 लाख से ज्यादा लोग

ओडिशा और बंगाल के तटीय इलाकों में सन्नाटा पसरा है. कोरोना महामारी के बीच तूफान की तबाही की आशंका से लोग डर हुए हैं. तेज हवाओं से लोग खौफ में हैं. लोगों को लगातार सावधान रहने की हिदायत दी जा रही हैं. उनसे घरों में रहने की अपील की जा रही है. प्रशासन ने 14 लाख से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया है. एनडीआरएफ की टीमें भी मोर्चे पर तैनात हैं.

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जमीन वाले इलाकों में घुस सकता है पानी

NDRF प्रमुख एसएन प्रधान ने कहा, ओडिशा में समुद्र के किनारे वाले इलाके में हवा 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बह रही है. हालांकि, पश्चिम बंगाल में हवा की रफ्तार ओडिशा के मुकाबले कम है. ओडिशा में बालासोर व भद्रक से डेढ़ लाख लोगों को उनके निवास स्थान से हटा दिया गया है और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में समुद्र के किनारे रहने वाले 3.3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है.

एसएन प्रधान ने बताया कि चक्रवात के दौरान समुद्र की लहरें तट से टकराएंगी और उनकी हाइट 4-6 मीटर ऊपर तक जा सकती है. इससे भारी मात्रा में पानी जमीन वाले हिस्से में घुसेगा. इससे निपटने के लिए एनडीआरएफ की 41 टीमें तैना हैं. एनडीआरएफ स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहा है. बता दें कि चक्रवाती तूफान अम्फान अपने केंद्र में 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आगे ओडिशा और बंगाल के तट की तरफ आगे बढ़ रहा है.

ओडिशा में 11 लाख लोगों को हटाया गया

ओडिशा और बंगाल को तूफान का सबसे पहले सामना करना है. इसके मद्दे नजर ओडिशा में करीब 11 लाख लोगों को तटीय इलाकों से खाली कराया गया है. एमएमएस के जरिए लोगों को तूफान का अलर्ट भेजा जा रहा है. कोस्टगार्ड की टीमें और नौकाएं लगातार समुद्री इलाकों में गश्त कर रही हैं.

वहीं, पश्चिम बंगाल में भी करीब 3 लाख लोगों को तटीय इलाकों से शिफ्ट किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिम बंगाल के दीघा तट से करीब 185 किलोमीटर की रफ्तार से चक्रवात अम्फान टकरा सकता है.

किन राज्यों में हाई अलर्ट और कहां ऑरेंज अलर्ट?

अम्फान के खतरे को देखते हुए मौसम विभाग ने ओडिशा और असम के लिए हाई अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, पुडुचेरी, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर और जम्मू कश्मीर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.

200 kmph से भी ज्यादा हो सकती है तीव्रता

21 साल पहले 1999 में ओडिशा के पारादीप तट पर सुपर साइक्लोन टकराया था, जिसने भारी तबाही मचाई थी. इस बार फिर खतरा बड़ा है, लोग सहमे हुए हैं. अम्फान तूफान जैसे-जैसे पास आ रहा है, उसकी मारक क्षमता बढ़ती जा रही है. मौसम विभाग की माने तो जब पारादीप तट से तूफान टकराएग उस वक्त उसकी तीव्रता 200 किलोमीटर से भी ज्यादा हो सकती है.

इन जिलों में सबसे ज्यादा खतरा

चक्रवाती तूफान अम्फान का सबसे ज्यादा खतरा पश्चिम बंगाल के 7 और ओडिशा के 6 जिलों में है. इनमें पश्चिम बंगाल के मिदनापुर, 24 दक्षिण और उत्तर परगना, हावड़ा और हुगली में तूफान सबसे ज्यादा असर डाल सकता है. जबकि ओडिशा के केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, जाजपुर और जगतसिंहपुर जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं.

हल्दिया बंदरगाह बंद कर दिया गया है. प्रभावित राज्यों में ट्रेन सेवा और गाड़ियों के आने जाने पर भी रोक है. कोरोना की महामारी के बीच अम्फान तूफान ने दिल्ली से लेकर प्रभावित राज्यों की नींद उड़ा दी है.

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