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वकाई आज उज्जैन शर्मसार है। Pushpraj Vyas

में उज्जैन का नागरिक होने के नाते और महाकाल महाराज में अटुट श्रद्धा रखने के कारण ये मानता हूं कि …..

पद्मश्री अरुणिमा जी

(वो अरुणिमा जी जिंन्होने अपनी डिसेबिलिटी के बावजूद एवेरेस्ट पर फतह पाई और दुनिया को दिखाया इच्छाशक्ति हर अपंगता का तोड़ है )

के साथ महाकाल मंदिर में जो भी हुआ जिन भी अव्यवस्थाओं का सामना उनको करना पड़ा और वो अव्यवस्थाएं भी इतनी जटिल होगी कि एक एवेरेस्ट विजेता को अपनी दिव्यांगता का अनुभव करवा गयी …

मेरे शहर के राजाधिराज के घर मे ये पाप जिंन्होने भी किया है ..

उनकी तरफ से में क्षमा मांगता हूं ..

क्योकि वो लोग मक्कार व बेशर्म है और में क्षमा प्रार्थी इसलिए हु क्योकि उज्जैन शहर में, ब्राह्मण परिवार में , महाकाल के समीप होने के बावजूद ..

में इन अव्यवस्थाओं की खिलाफत नही कर पा रहा हु ..

न में न मेरे तमाम विप्र बंधू और वो लोग जो अवंतिकानाथ में अगाध श्रद्धा रखते है ..

और हमारी चुप्पी और सहनशीलता ने ही महाकाल मंदिर को दलालों के सुपर्त कर दिया है ।

इनके लिए vip सिर्फ कुछ है जो शिवरात्रि और नागपंचमी में सीधे गर्भग्रह में प्रवेश करते है सारे नियम तोड़ कर तब अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अपनी दुम भीतर भर कर खड़े रहते है।


वकाई आज उज्जैन शर्मसार है।

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